
बिलासपुर: (सियासत दर्पण न्यूज़) छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि पति अपनी पत्नी को उसकी निजी जानकारी, संचार माध्यमों, मोबाइल फोन या बैंक खातों के पासवर्ड साझा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ऐसा करना निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा, जो परिस्थितियों के अनुसार घरेलू हिंसा की श्रेणी में भी आ सकता है।
यह फैसला न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे की एकलपीठ ने उस मामले में सुनाया, जिसमें पति ने पत्नी की काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) मांगते हुए उसे चरित्रहीन ठहराने की कोशिश की थी।
यह है पूरा मामला
याचिकाकर्ता पति ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(आइ-ए) के तहत क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका फैमिली कोर्ट में दायर की थी। सुनवाई के दौरान पति ने दुर्ग के एसएसपी के पास आवेदन देकर पत्नी की काल डिटेल्स मांगीं और एक समान मांग फैमिली कोर्ट में भी की गई, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया।