सियासत दर्पण न्यूज़ से बिलासपुर ब्यूरो चीफ डॉ शाजिया अली की रिपोर्ट।
बिलासपुर,,, सियासत दर्पण न्यूज़,,, मंगलवार दोपहर लालखदान के पास सोमवार दोपहर हुए दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे शहर को दहला दिया। मेमू पैसेंजर और मालगाड़ी की टक्कर में छह यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। हादसा दोपहर करीब दो बजे हुआ बताया जा रहा है। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और घायलों को सिम्स और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद पूरे शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है।
राज्योत्सव के सभी कार्यक्रम निरस्त
इस त्रासदी के बाद जिला प्रशासन ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्योत्सव के तीसरे और अंतिम दिन के सभी कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए। बिलासपुर राज्योत्सव का तीसरा दिन उत्साह और संगीत का चरम क्षण माना जा रहा था, लेकिन रेल हादसे की खबर मिलते ही पूरा आयोजन शोक में बदल गया। जिला प्रशासन ने इसे संवेदनशील निर्णय बताते हुए कहा कि इस समय पूरा शहर पीड़ा में है, ऐसे में जश्न मनाना उचित नहीं होगा।
प्रभंजन चतुर्वेदी और अनुज शर्मा के कार्यक्रम भी रद्द
राज्योत्सव के समापन दिवस पर प्रसिद्ध ग़ज़लकार प्रभंजन चतुर्वेदी और पद्मश्री अनुज शर्मा के विशेष कार्यक्रम निर्धारित थे। दोनों कलाकार पहले ही बिलासपुर पहुंच चुके थे, लेकिन जैसे ही हादसे की सूचना आयोजकों तक पहुँची, सभी सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ रद्द कर दी गईं। कलाकारों ने भी इस निर्णय का समर्थन करते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की।
तीन दिवसीय उत्सव का अंत दुख और सन्नाटे में
राज्य निर्माण की रजत जयंती पर मनाया जा रहा तीन दिवसीय राज्योत्सव अपने अंतिम दिन उस वक्त थम गया, जब शहर पर रेल हादसे की छाया छा गई। मंच सज चुका था, रोशनी जगमगा रही थी, लेकिन हादसे की सूचना के साथ ही पूरा परिसर मौन में डूब गया। दर्शक लौट गए, कलाकार खामोश रहे, और प्रशासन ने संवेदना के स्वर में समापन की घोषणा की।
रेल हादसे की जांच और राहत कार्य जारी
रेल हादसे को लेकर राहत और बचाव अभियान जारी है। जिला और रेलवे प्रशासन की टीमें मौके पर लगातार काम कर रही हैं। दुर्घटनास्थल से घायलों को निकालकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मौत के आंकड़े बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हादसे के बाद पूरे बिलासपुर में शोक का माहौल है जश्न की जगह अब शहर में सिर्फ संवेदना और सन्नाटा गूंज रहा है।






