बिलासपुर। (सियासत दर्पण न्यूज़) मंगलवार की शाम लालखदान के पास मेमू लोकल-मालगाड़ी हादसे में पायलट समेत 11 लोगों की मौत के दूसरे दिन मंडल स्तरीय गठित ज्वाइंट फाइंडिंग रिपोर्ट की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें टीम के सदस्यों ने ओवरशूट के कारण ही हादसा होना बताया है। ट्रेन रेड सिग्नल को पार करते हुए आगे बढ़ी। नियमानुसार यह सिग्नल खतरे का निशान होता है। लोको पायलट को इससे पहले ट्रेन नियंत्रण करना होता है। रिपोर्ट में लोको पायलट को ही दोषी ठहराया गया है। हालांकि इस हादसे में लोको पायलट विद्यासागर की भी मौत हो गई है।
किसी भी रेल हादसे में स्थानीय स्तर पर रेलवे जांच करती है। मेमू हादसे को लेकर भी पांच सदस्यीय टीम बनाई गई थी। जिनमें सीएंडडब्ल्यू के एसएसई, सीएलआइ, डब्ल्यूएवाय एसएसई, एसआईजी एसएसई व सीडीटीआई शामिल थे। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पाया गया कि मेमू चालक ने सिग्नल की अनदेखी कर उसे पार कर दी। वह ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहा। लोको पायलट को सही समय पर और उचित स्थिति में ट्रेन संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी गई है।






