दुर्ग। (सियासत दर्पण न्यूज़) नगर निगम दुर्ग के 11 एमएलडी फिल्टर प्लांट के संपवेल में लाश मिलने के बाद खलबली मच गई। लाश दो से तीन दिन पुरानी बताई जा रही है। निगम प्रशासन द्वारा उक्त संपवेल से शहर के करीब 30 हजार आबादी को पानी सप्लाई किया जा चुका है। गुरुवार सुबह लाश मिलने के बाद पानी सप्लाई को बंद किया गया। घटना के बाद फिल्टर प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निगम के ही कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहा है।
गुरुवार सुबह नलघर स्थित टंकी में पानी भरने के लिए ऑपरेटर ने संपवेल के मोटर पंप को चालू किया। मोटर पंप चालू करने के कुछ ही देर बाद संपवेल में एक व्यक्ति का शव नजर आने लगा। तत्काल इसकी सूचना महापौर, आयुक्त और पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस का अमला मौके पर पहुंच गया और शव को संपवेल से बाहर निकालकर पीएम के लिए भिजवाया।
जिस व्यक्ति की लाश मिली है, उसकी उम्र करीब 45 से 50 साल के बीच होना बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक शव दो से तीन दिन पुरानी है। घटना की जानकारी मिलने के बाद महापौर अलका बाघमार, आयुक्त सुमित अग्रवाल ने नलघर पहुंचकर अधिकारियों की बैठक ली और समूचे प्लांट क्षेत्र का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। वहीं अधिकारियों ने बताया कि यहां देखरेख के लिए तीन शिफ्ट में चौकीदार की ड्यूटी लगाई जाती है।
फिल्टर प्लांट निगम का संवेदनशील क्षेत्र होता है, लेकिन 11 एमएलडी फिल्टर प्लांट में सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। जिस कमरे में संपवेल और मोटर पंप लगा हुआ है वहां की खिड़की-दरवाजे टूटे हुए है। नलघर के सामने हिस्से में सुरक्षा के लिए न ही बाउंड्रीवाल बनाई गई है और न ही तार फेसिंग की गई है। यहां आने जाने वालों को कोई भी रोकने टोकने वाला नहीं है। प्लांट क्षेत्र में रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
फिल्टर प्लांट की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने और बाउंड्रीवाल के चारों तरफ तार फेसिंग कराने कहा गया है। परिसर के भीतर खाली जगह पर झाड़ियों की कटाई करने कहा गया है। – अलका बाघमार महापौर ननि दुर्ग
यदि बाडी पुरानी होकर सड़ गई होगी तो ऐसी स्थिति में सप्लाई वाले पानी के सेवन से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। लोगों को फूड प्वाइजनिंग भी हो सकती है। – डॉ.सीबीएस बंजारे स्वास्थ्य विभाग दुर्ग






