रायपुर । (सियासत दर्पण न्यूज़) रायपुर में रक्षाबंधन के दिन मां-बेटी की रहस्यमयी मौत की गुत्थी अब सुलझ गई है। पुलिस को विसरा रिपोर्ट में पता चला है कि मां की मौत ज्यादा शराब पीने से हुई थी। जब बेटी ने मां को तड़पते हुए देखा तो उसे कार्डियक अरेस्ट आ गया।
वह भी जमीन पर गिर गई और उसकी भी मौत हो गई। घटना के वक्त घर पर कोई नहीं था। जिससे पुलिस को कोई चश्मदीद नहीं मिला। न ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह सामने आ पाई थी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं का विसरा प्रिजर्व करवाया था। अब विसरा रिपोर्ट में स्थिति साफ हो जाने के बाद पुलिस जांच क्लोज करेगी।
रायपुर से लगे खरोरा के पचरी गांव के सतनामी पारा में 9 अगस्त को मां-बेटी की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली थी। बिंदा बाई चतुर्वेदी (55) अपने बेटे शीतल चतुर्वेदी (34) के साथ गांव के घर में रहती थी। रक्षाबंधन (9 अगस्त) के दिन सुबह करीब 11 बजे बिंदा की बेटी उषा मनहरे (40) त्योहार मनाने अपने मायके पचरी गांव आई थी।
उषा के 2 भाई 2 बहन है। शाम को उषा की बड़ी बहन का बेटा धीरज भी घर आया था। धीरज अपनी मौसी और नानी के साथ बातचीत की खाना खाया और अपने घर वापस चला गया। उस दौरान घर में मौजूद भाई शीतल नशे की हालत में सोया था।
रात करीब 8 बजे शीतल सोकर उठा और तालाब जाने के लिए घर से निकला तो उसकी मां बिंदा बाई और बहन उषा आपस में बात कर रहे थे। लेकिन शीतल तालाब नहीं जाकर आधे रास्ते से ही घर वापस आ गया। वापस घर पहुंचते ही उसने देखा कि बरामदे में मां और बहन उषा अंदर कमरे में जमीन पर गिरी थी और तड़प रही थी।
उसने फौरन पड़ोस के डॉक्टर को बुलाया। लेकिन दोनों महिलाओं की नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर ने इलाज करने से इनकार कर दिया। फिर डॉक्टर ने एम्बुलेंस को बुलाया और पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले ही दोनों मां-बेटी की मौत हो चुकी थी।
रात करीब 9 बजे खरोरा पुलिस को सूचना मिली। पुलिस ने मौके में पहुंचकर दोनों मां-बेटी की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इधर मौत से कुछ मिनट पहले घर पर मौजूद शीतल चतुर्वेदी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। उसने पूछताछ में बताया कि मां और बहन को तालाब जाने से पहले आपस में बात करते हुए देखा था। तब तक सब कुछ सामान्य था। जब तक वह वापस आया ये सब घटना हो गई।
इस मामले में 10 अगस्त को फोरेन्सिक टीम, डॉग स्क्वायर्ड, फिंगर एक्सपर्ट ने भी घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस को घर के भीतर कोई भी संदेहजनक चीज नहीं मिली थी। शुरुआती जांच पड़ताल में यह आशंका जताई गई की मौत जहर खाने से हुई है। लेकिन इस केस में जांच आगे बढ़ते ही जहर से मौत की थ्योरी भी गलत हो गई।
पुलिस ने मौत के कुछ मिनट पहले तक घर में मौजूद बेटे को हिरासत में लिया था। वहीं अंतिम शख्स था जिसने मां और बहन को अंतिम बार जीवित देखा था। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पूछताछ में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। जिसके बाद बयान नोट करने के बाद पुलिस ने शीतल चतुर्वेदी को कुछ घंटों में थाने से छोड़ दिया गया था।
इसके अलावा दोनों लाशों के पोस्टमॉर्टम में भी मौत की कोई साफ वजह नहीं आ पाई थीं। पुलिस के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम में कोई बाहरी चोट नहीं मिली। मौत से पहले मृतकों के नाखूनों और बॉडी में किसी से संघर्ष के निशान भी नहीं मिले।
दोनों महिलाओं के गले की हड्डी भी नहीं टूटी है। जिससे गला दबाकर हत्या का शक किया जाए। PM रिपोर्ट में जहर देने की पुष्टि भी नहीं हुई थीं। इससे केस और उलझ गया था।
पड़ोसियों के मुताबिक, मृतक बिंदा बाई के घर में रक्षाबंधन के दिन सुबह झगड़े की आवाजें सुनाई दे रही थीं। पुलिस को यह भी आशंका थीं कि विवाद का इस घटना से संबंध हो सकता है। लेकिन आगे कि जांच के इससे जुड़ी कोई कड़ी नहीं मिल पाई थीं।
उस विवाद की वजह के सवाल पर पुलिस ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए घर वालों को पैसे मिलने वाले थे। विवाद इसी वजह से हो रहा था। ये परिवार रोजी मजदूरी का काम करता है। परिवार का कोई सदस्य बहुत ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है।
इस मामले में ग्रामीण एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि शुरुआती जांच में पुलिस को हत्या की कोई सबूत नहीं मिले थे। जिसके बाद हार्टअटैक के एंगल से भी जांच की जा रही थीं।
लेकिन अब विसरा रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि मां की मौत ज्यादा शराब सेवन से हुई। वहीं जब बेटी ने अपनी मां को तड़पते हुए देखा तो उसे हार्ट अटैक आ गया। मौत की वजह स्पष्ट हो गई है।






