
गरियाबंद में स्वास्थ्य व्यवस्था में चल रहा भ्रष्टाचार का सिरियल भाजपा सरकार के ‘‘गुड गवर्नेंस’’ का हुआ पर्दाफाश, जिन भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत की गई, जाँच का जिम्मा भी उन्हीं पर
छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े 150 करोड़ रूपये से भी अधिक के किताब घोटाले में भी बीजेपी की साय सरकार ने दोषी अधिकारियों को ही जाँच कमेटी का सदस्य नियुक्त किया था
अब सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ की जनता को सही न्याय कैसे मिल सकेगा, क्या जनता इस टके सेर भाजी और टके सेर खाजा के सरकार में सुरक्षित रहेगी? – विकास उपाध्याय
रायपुर,,सियासत दर्पण न्यूज़,-गरियाबंद (छत्तीसगढ़)। रायपुर पश्चिम पूर्व विधायक एवं लोकसभा प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने गरियाबंद जिले से बीजेपी शासन की करतूतों की खबर मिलते ही अपने बयान में कहा कि गरियाबंद में स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार का सिरियल लगातार जारी है, भाजपा सरकार के ‘‘गुड गवर्नेंस’’ का पर्दाफाश हुआ है, वर्तमान में सुशासन तिहार के जरिये जिन भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत की गई, जाँच का जिम्मा भी उन्हीं को सौंप दी गई है।
विकास उपाध्याय ने बताया कि गरियाबंद जिले की मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में डॉक्टर गायब, मरीज बेहाल और शिकायत करने वाले डॉक्टर को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। सुशासन तिहार में शिकायतकर्ता डॉ. राजेन्द्र बिनकर ने अपने ही अस्पताल की पोल पट्टी उजागर कर बताया है कि किस प्रकार साय सरकार का सुशासन जोरों पर चल रहा है। डॉ. बिनकर ने सुशासन तिहार के माध्यम से शिकायत किया कि गरियाबंद जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जो अस्पताल को ‘‘नेटफ्लिक्स’’ की तरह समझते हैं, कभी-कभी लॉग इन करो, सब्सक्रिप्शन चालू रहे बस! डॉ. महावीर अग्रवाल और डॉ. निशा नवरत्न का नाम उन्होंने लिया और कहा कि उनका शेड्यूल ‘‘हाजिरी दो, तनख्वाह लो और फिर महीने भर दर्शन मत दो’’ इसके लिए खेल खेल रहे सीएमएचओ एवं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन दोनों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने की शिकायत सुशासन तिहार में की है। लेकिन डॉ. बिनकर ने आगे कहा है कि इस शिकायत के पश्चात् सबसे ज्यादा बड़ा मुद्दा सरकार की कार्यवाही के रूप में यह लापरवाही हुई कि इसकी जाँच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ही सौंप दी गई जो इस खेल में पूरी तरह संलिप्त हैं। उसके बाद डॉ. बिनकर ने जो बताया है बीजेपी सरकार की लापरवाही के अलावा और कुछ नहीं। डॉ. बिनकर ने कहा कि इन सभी शिकायतों के बाद बीजेपी विधायक औचक निरीक्षण पर गए, तब भी डॉक्टर गायब मिले, उन्होंने फोटो भी खिंचाई और कलेक्टर को कार्यवाही के लिए निर्देशित भी किया और फिर चाय पीकर चल दिये।
विकास उपाध्याय ने कहा कि पूर्व में भी उन्होंने छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े 150 करोड़ रूपये से भी अधिक के किताब घोटाले के लिए बीजेपी सरकार के ऊपर आरोप लगाया है, 15 सितम्बर 2024 को सिलयारी पेपर मिल में मिले किताब घोटाले में दोषी अधिकारियों को ही जाँच कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया था और इसका पूर्ण रूप से निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है। उपाध्याय ने कहा कि एक तरफ बीजेपी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को ठगने का काम कर रही है और दूसरी तरफ सुशासन तिहार मनाकर भी छत्तीसगढ़ की जनता को सही न्याय नहीं दिला पा रही। अब सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ की जनता को सही न्याय कैसे मिल सकेगा, क्या जनता इस टके सेर भाजी और टके सेर खाजा के सरकार में सुरक्षित रहेगी?