
सियासत दर्पण न्यूज़ बिलासपुर से गणेश तिवारी की खबर
बिलासपुर,, सियासत दर्पण न्यूज़,(छत्तीसगढ़) – प्यार के नाम पर छल, भावनाओं की आड़ में आर्थिक शोषण, और अंत में धमकी व धोखाधड़ी। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है बिलासपुर के चकरभाठा थाना क्षेत्र में, जहाँ एक युवा व्यापारी को प्रेम के जाल में फंसाकर मां-बेटी ने करीब ₹23 लाख की आर्थिक ठगी की और अब उस पर झूठे बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी महिला और उसकी बेटी के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है।
मुलाकात से मोहब्बत तक: कैसे शुरू हुआ यह धोखे का खेल
घटना की शुरुआत वर्ष 2013 से हुई, जब बोदरी निवासी कमल चंदानी (30), चकरभाठा में मोबाइल की दुकान चलाया करते थे। उसी दौरान रिया जैसवानी नाम की महिला अक्सर उनकी दुकान में मोबाइल रिचार्ज करवाने आती थी। धीरे-धीरे उनके बीच फोन पर बातचीत शुरू हुई और संबंध मधुर होते चले गए।
2021: रायपुर शिफ्टिंग और नई साज़िश की शुरुआत
2021 में रिया रायपुर शिफ्ट हो गई और उसने कमल को बताया कि उसकी बेटी एनी जैसवानी, रायपुर के एक डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रही है और जरूरत पड़ने पर वह उसकी मदद करे। एनी ने कमल से संपर्क करना शुरू किया और कुछ ही समय में दोनों के बीच प्रेम संबंध विकसित हो गए।
रिया ने कमल से कहा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद वह अपनी बेटी की शादी उसी से करवा देगी। युवक इस झूठी आस में उनकी जरूरतों को पूरा करता गया और उन्हें पत्नी और सास के रूप में अपनाने लगा।
ठगी का सिलसिला: भावनात्मक ब्लैकमेलिंग से करोड़ों की लूट
मां-बेटी की तरफ से लगातार आर्थिक जरूरत बताई जाती रही। युवक ने प्रेम और रिश्ते के नाम पर उन्हें नकद पैसे, मोबाइल, लैपटॉप, एसी, घरेलू सामान, सोने के गहने, कपड़े, किताबें, यहां तक कि अपनी हुंडई एसेंट कार (CG 10 V 0129) तक दे दी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी मां-बेटी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी गाड़ी को भी बेच दिया।
शादी से इनकार और ब्लैकमेलिंग की धमकी
जब एनी की पढ़ाई पूरी हो गई और युवक ने विवाह की बात की, तो मां-बेटी का व्यवहार बदल गया। उन्होंने साफ तौर पर इनकार कर दिया और युवक को झूठे बलात्कार केस में फंसाने की धमकी देने लगीं। यह स्थिति कमल के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालने लगी, और अंततः उसने हिम्मत कर पुलिस से शिकायत की।
पुलिस कार्रवाई: अमानत में खयानत की धारा में FIR दर्ज
चकरभाठा थाना प्रभारी उत्तम साहू ने जानकारी दी कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। फिलहाल मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (अमानत में खयानत) के तहत पंजीकृत किया गया है।
समाज में बढ़ती धोखाधड़ी की प्रवृत्ति पर चिंता
यह मामला केवल एक युवक की निजी त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज में बढ़ती उस प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है, जहाँ भावनाओं का दोहन कर लोगों को आर्थिक रूप से ठगा जा रहा है। यह न केवल कानून के लिए बल्कि सामाजिक मूल्यों के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है।
किया कहना है सामाजिक कार्यकर्ताओ का?
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को “प्रेम की आड़ में सुनियोजित ठगी” बताया है और कहा है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई और कानूनी जागरूकता की जरूरत है ताकि और लोग ऐसे जाल में फंसने से बच सकें।