
सियासत दर्पण न्यूज़ से गणेश तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर,, सियासत दर्पण न्यूज़,गर्मी और उमस से बेहाल छत्तीसगढ़ की जनता के बीच अब बच्चों की सेहत को लेकर गहरी चिंता उभर कर सामने आ रही है। राज्य के विभिन्न जिलों में भीषण लू और अत्यधिक उमस के कारण हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं। ऐसे में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के प्रदेश संयोजक राजीव अवस्थी ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अनुरोध किया है कि राज्य के सभी स्कूलों की गर्मी की छुट्टियों को 7 दिनों के लिए और बढ़ाया जाए, ताकि बच्चों की सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राजीव अवस्थी ने कहा कि वर्तमान में न तो बारिश हुई है और न ही मौसम में कोई राहत है। दिन का तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है और साथ में नमी का स्तर 60 प्रतिशत से अधिक है, जिससे उमस बेहद असहनीय स्तर पर पहुंच चुकी है। बच्चों की सहनशक्ति सीमित होती है और इस भीषण गर्मी में स्कूल खुलने से उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों के लिए खतरनाक बनती जा रही है मौजूदा स्थिति
राज्य में अभी भी कई स्थानों पर तापमान सामान्य से कहीं अधिक बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में बच्चों को तेज़ धूप में स्कूल भेजना हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, और वायरल संक्रमण जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। राजीव अवस्थी ने कहा, “छत्तीसगढ़ के हर कोने से अभिभावकों और शिक्षकों की चिंता भरी आवाज़ें आ रही हैं। कई जिलों में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं क्योंकि उनके स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता है।”
मुख्यमंत्री से की त्वरित निर्णय की मांग
राजीव अवस्थी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अपील की है कि वे शिक्षा विभाग को निर्देश दें कि राज्य के सभी शासकीय, अशासकीय एवं निजी स्कूलों की छुट्टियाँ तत्काल प्रभाव से 7 दिन के लिए और बढ़ा दी जाएं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर किसी प्रकार की देरी राज्य के भविष्य यानी बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि मानसून की सामान्य देरी और लगातार बदलते मौसम के कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम प्रभावित हो सकता है। ऐसे में किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।
जनहित में उठाई गई मांग को मिला समर्थन
राजीव अवस्थी की इस पहल को अब जनसमर्थन भी मिलने लगा है। कई अभिभावक संगठनों, शिक्षक संघों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया है और सरकार से अपील की है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। सोशल मीडिया पर भी इस विषय को लेकर चर्चाएं तेज़ हो रही हैं।
सरकार से उम्मीदें बढ़ीं, फैसला जल्द आने की संभावना
अब सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ सरकार पर टिकी हुई हैं कि वह राजीव अवस्थी की इस जनहित याचना पर क्या रुख अपनाती है। यदि मांग पर विचार किया गया तो यह निर्णय लाखों छात्रों और उनके परिजनों के लिए राहत की सांस जैसा होगा।