(सियासत दर्पण न्यूज़) रायपुर के आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय के सहायक सांख्यिकी अधिकारी वीरेंद्र जाटव और उप आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय के सहायक सांख्यिकी अधिकारी हेमंत कौशिक को अरेस्ट किया गया।
छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले ACB-EOW ने पटवारी से RI बने अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। टीम ने एक्शन लेते हुए रायपुर से दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर पेपर लीक किया, एग्जाम की तैयारी भी कराई थी।
गिरफ्तार अधिकारियों में रायपुर के आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय के सहायक सांख्यिकी अधिकारी वीरेंद्र जाटव और उप आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय के सहायक सांख्यिकी अधिकारी हेमंत कौशिक शामिल है।
बता दें कि 19 नवंबर की तड़के संयुक्त टीम ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग समेत 7 जिलों में एक साथ 19 ठिकानों पर छापा मारा था। अनियमित चयन और अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायतों पर एक्शन हुआ है। मामले में अपराध दर्ज कर संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और व्यक्तियों से लगातार पूछताछ जारी है।
EOW-ACB की ओर से कहा गया है कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। दोनों ने खुद और अपने सीनियर अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह धोखाधड़ी की। 2024 में पटवारी से RI बनने के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी।
इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत सरकार को मिली थी। इसके बाद से ही ACB-EOW की टीम जानकारी जुटा रही थी। इस मामले में जांच एजेंसी ने अपराध दर्ज किया है।
परीक्षा संचालन समिति से जुड़े प्रश्न पत्र छपाई और वितरण में लगे अधिकारी-कर्मचारी, और प्रमोशन दिलाने के लिए लाइजनिंग करने वाले राजस्व अधिकारियों के घरों में जांच की गई।
तलाशी के दौरान डिजिटल सबूत, लेन-देन से जुड़े एग्रीमेंट और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। अभी इन दस्तावेजों की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
ACB के अधिकारियों के अनुसार 19 नवंबर को रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, अंबिकापुर, महासमुंद और जगदलपुर में अलग-अलग टीमों ने सुबह ही दबिश दी। अधिकारियों के आवास, कार्यालय, निजी ठिकानों और पैतृक संपत्तियों की जांच की गई।
टीमों के पास डिजिटल उपकरण, बैंक विवरण, प्रॉपर्टी कागजात और संदिग्ध ट्रांजैक्शन से जुड़े दस्तावेज जब्त करने की जानकारी मिली है। जांच एजेंसी को संदेह है कि पटवारी से RI बनने की परीक्षा में गड़बड़ियां, फर्जी अंक, बाहरी दबाव और लाभ पहुंचाने जैसे आरोप सही साबित हो सकते हैं।
ACB-EOW की टीम ने बिलासपुर में RI अभिषेक सिंह के निवास पर दबिश दी थी। वाजपेयी कैसल स्थित निवास पहुंची। ACB की टीम RI सहित परिजनों से पूछताछ कर दस्तावेजों की जांच की। वर्तमान में अभिषेक सिंह सूरजपुर में पदस्थ हैं।
19 नवंबर को बेमेतरा जिला पंचायत CEO प्रेमलता पद्माकर के सरकारी आवास में भी EOW की टीम पहुंची थी। जहां अधिकारी से RI परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर दिन भर की जांच पड़ताल जारी रही। शाम तक टीम प्रेमलता पद्माकर के आवास पर ही मौजूद थीं।
बताया जा रहा है कि अधिकारियों की संपत्ति उनकी आय के अनुपात से कहीं अधिक पाई गई है, जिस आधार पर छापेमारी की कार्रवाई तेज की गई। कुछ जगहों से कैश, सोने-चांदी के गहने, संपत्तियों के डॉक्यूमेंट, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिलने की खबर है।
बता दें कि 7 जनवरी 2024 को हुई इस परीक्षा में 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया था। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ था। हालांकि बाद में सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ था।
इसके बावजूद 22 लोगों का सिलेक्शन कर लिया गया। इस पर जांच कमेटी ने सवाल उठाए हैं, लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया था। इसी को लेकर ACB की टीम ने छापेमारी की।





