 
									शाज़िया अली खान की रिपोर्ट
बिलासपुर,सियासत दर्पण न्यूज़ – शिक्षा संस्थानों में पेड़ लगाने और उनके महत्व पर शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा दिया जाना पुरानी शिक्षा नीतियों का हिस्सा रहा है। आज शिक्षण संस्थानों में पेड़ों की कटाई न सिर्फ वर्तमान शिक्षा नीति बल्कि शिक्षकों और संस्थानों की नीतियों पर भी सवालिया निशान लगा रही है। आए दिन विकास के नाम पर पेड़ों की लगातार कटाई जन जीवन अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी बजा रही है। इसी बीच शासकीय कन्या पॉलिटेक्निक में पेड़ों की कटाई मामला प्रकाश में आया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात में मशीन से करीब 100 पेड़ों को काट दिया गया। वहीं सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए आए एक अध्यापक उस वक्त भौचक्के रह गए जब उन्होंने उन पेड़ों को कटा पाया जो उन्हें हर रोज सुबह निहारते थे। वहीं सुबह व्यायाम के लिए जाते हुए युवाओं का इजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल पर गुस्सा फूट पड़ा।
 
 
उन्होंने कहा कि यह प्रिंसिपल ऑक्सीजन नहीं बल्कि कार्बनडाई ऑक्साइड से सांस लेते हैं। शिक्षाविद होने के बावजूद इन्हें पेड़ों की अहमियत पता नहीं है। शिक्षण संस्थान के पास बहुत सी जर्जर बिल्डिंग है क्या उनके स्थान पर नई बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती है? दूसरी तरफ खाली जमीन भी उपलब्ध है लेकिन पेड़ों के दुश्मन प्रिंसिपल और कॉलेज प्रशासन पेड़ों को कटवाया जा रहा है। इस पर पुलिस प्रशासन की अनदेखी से दोनों की मिलीभगत साबित होती है। इस बीच पेड़ों की कटाई रुकवाने के लिए स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन के साथ साथ पत्रकार, समाजसेवी एवं पर्यावरणविदों से अपील की है।
सियासत दर्पण न्यूज़ से बिलासपुर जिला ब्यूरो चीफ डॉ शाज़िया अली खान की रिपोर्ट







