
बिलासपुर :(सियासत दर्पण न्यूज़) सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा( Road Accident Compensation) देने से इंकार करने को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि बीमा प्रीमियम की राशि पहले ही जमा की जा चुकी थी, ऐसे में बीमा पॉलिसी वैध मानी जाएगी और मृतक के स्वजन मुआवजे के हकदार हैं। यह फैसला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस प्रार्थ प्रतीम साहू की एकलपीठ ने सुनाया। उन्होंने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) द्वारा दिए गए 4.17 लाख रुपये मुआवजा भुगतान के आदेश को बरकरार रखते हुए बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड(ICICI Lombard Case) की अपील खारिज कर दी। मृतक देवचंद की पत्नी, बच्चों और अन्य स्वजनों ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163-ए के तहत मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सूरजपुर में बीमा कंपनी के खिलाफ 35.55 लाख रुपये मुआवजे की मांग करते हुए दावा दाखिल किया था। अधिकरण ने साक्ष्यों के आधार पर बीमा कंपनी को 4,17,500 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।