सियासत दर्पण न्यूज़ से दुखहरण सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
इस साल यह पावन त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा, इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हुए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं, रक्षाबंधन की पूजा थाली में निम्नलिखित चीजों को शामिल करना शुभ होता है।
● कुमकुम या रोली – राखी बांधने से पहले भाई के मस्तक पर तिलक करना परंपरा का अहम हिस्सा है, तिलक के लिए थाली में कुमकुम या रोली अवश्य होनी चाहिए, यह दीर्घायु, विजय, शुभता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
● अक्षत (चावल) – पूजा में उपयोग होने वाले कच्चे चावल, जिन्हें अक्षत कहा जाता है, शुभता के प्रतीक होते हैं, तिलक के बाद भाई के मस्तक पर अक्षत लगाना रक्षाबंधन की पूजा विधि का भाग है।
● हल्दी – हल्दी को शुभ माना जाता है, इसे तिलक में इस्तेमाल किया जाता है।
● घी का दीपक – आरती के लिए थाली में दीपक जरूर रखें, राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारना बुरी नजर से बचाव का उपाय माना गया है, इससे भाई के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
● मिठाई – भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को दर्शाने के लिए थाली में मिठाई अवश्य होनी चाहिए, राखी बांधने के बाद एक-दूसरे को मिठाई खिलाना शुभ होता है और प्रेम को बढ़ाता है।
● नारियल (श्रीफल) – थाली में नारियल रखना बेहद शुभ माना गया है, कई स्थानों पर बहन तिलक के बाद भाई को श्रीफल अर्पित करती हैं, इसे शुभता, समृद्धि, माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इससे भाई को तरक्की और समृद्धि प्राप्त होती है।
● इसके अलावा थाली में राखी, फूल, कलावा, चंदन, जल से भरा कलश, रुमाल रखें।
राखी का महत्व…रखें या फेंकें? जानें रक्षाबंधन के बाद क्या है सही
9 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा रक्षाबंधन के बाद राखी को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है. इसका नकारात्मक प्रभाव भाई के जीवन पर पड़ सकता है.
भाई और बहन के प्यार का प्रतीक मनाए जाने वाला पर्व रक्षाबंधन हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर हाथ की कलाई पर रक्षा सूत्र बनती है और भाई की सुख समृद्धि के लिए भगवान से कामना करती हैं. बदले में भाई बहनों को ढेर सारा उपहार देता है और हमेशा कठिन समय में साथ देने का वचन भी करता है. रक्षाबंधन के दिन राखी का त्यौहार मनाया जाता है लेकिन अगले ही दिन राखी को इधर-उधर फेंक दिया जाता है. अधिकतर लोगों को यह पता नहीं रहता है कि राखी को कब खोला जाता है, होने के बाद उसे कहां रखा जाता है. तो आइए इन सारे सवालों का जवाब जानते हैं।
इस साल रक्षाबंधन शनिवार 9 अगस्त को मनाया जाएगा उसी दिन सावन पूर्णिमा भी है. वही हमारे सनातन धर्म में कोई भी त्यौहार बड़ी ही विधि विधान के साथ मनाया जाता है. वही रक्षाबंधन के त्यौहार के बाद लोग राखी को इधर-उधर फेंक देते हैं. इसका नकारात्मक प्रभाव भाई के जीवन पर पड़ सकता है. शास्त्रों में इसको अशुभ माना जाता है.
रक्षाबंधन के बाद क्या करें राखी का
रक्षाबंधन के बाद भूल कर भी राखी को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए. शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है. रक्षाबंधन के बाद राखी को कम से कम एक महीना तक यानी सावन पूर्णिमा से लेकर भादो पूर्णिमा तक रखना चाहिए. अगर आप 1 महीने तक नहीं रख सकते हैं तो राखी को अच्छी तरह से खोलकर जल में प्रवाहित कर देंगे या पूजा स्थल में रख दें. वैसे तो इस राखी को विजयादशमी के दिन ही खोलना चाहिए. अगर बीच में राखी खंडित हो जाती है तो उसे किसी लाल कपड़े में बांधकर रख लें और पूर्णिमा के दिन जल में प्रवाहित कर दें. लेकिन अगर आप उस राखी को तोड़कर इधर-उधर फेंक देते हैं तो जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
*राखी बांधने का क्या है शुभ मुहूर्त*
सावन पूर्णिमा यानी 09 अगस्त को राखी बांधने का सही समय सुबह 05 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक है। पूर्णिमा तिथि 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इसके लिए 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक राखी बांधने के लिए सही समय है।







