मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि प्रत्येक छात्र के भीतर अपार शक्ति और अद्भुत संभावनाएँ हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जीवन में कभी हताशा या निराशा को स्थान न दें। एक सर्कस के हाथी की कथा सुनाकर उन्होंने समझाया कि मन में हिम्मत हो तो कोई बंधन रोक नहीं सकता।उन्होंने कहा कि भगवान ने हर व्यक्ति को अनोखी प्रतिभा दी है। आप जो चाहें, बन सकते हैं और कर सकते हैं। बस स्वयं पर भरोसा रखें।
मंत्री श्री वर्मा ने इस मौके पर विद्यालय के पूर्व छात्र एवं अब प्रोफेसर श्री उत्तम वर्मा को विशेष बधाई दी, जिनके आग्रह पर वे व्यस्त कार्यक्रम के बीच भी विद्यालय पहुँचे। उन्होंने कहा कि वचन का सम्मान करना उनका कर्तव्य है। बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। मंत्री वर्मा ने बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग और कलाकृतियों को भी सराहा। साथ ही उन्हें बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ का राजगीत गाने का अवसर भी मिला, जिसने कार्यक्रम को और विशेष बना दिया।
उन्होंने शिक्षकों को पालक व मार्गदर्शक बताते हुए उनके समर्पण की प्रशंसा की और विद्यालय की बताई गई आवश्यकताओं पर सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया।
अंत में मंत्री श्री वर्मा ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सरकार हमेशा उनके साथ है और उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।





