मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बच्चों को पारिवारिक वातावरण देने समाज से किया आह्वान
रायपुर । (सियासत दर्पण न्यूज़) महिला एवं बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में राजधानी रायपुर स्थित होटल मेरियट कोटयार्ड में “उमंग—पोषण देखरेख (Foster Care)” कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाने हेतु राज्य स्तरीय पोषक परिवार सम्मेलन एवं कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पोषण देखरेख व्यवस्था को अधिक प्रभावी, संवेदनशील और व्यापक बनाना था, ताकि संस्थागत देखरेख में रह रहे बच्चों को सुरक्षित, स्नेहपूर्ण और पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
राज्य में वर्तमान में 11 जिलों के 51 बच्चे पोषण देखरेख योजना के अंतर्गत स्वीकृत हैं, जिनमें 30 बालक और 21 बालिकाएँ शामिल हैं। इन बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके लिए 90 से अधिक पोषक परिवार राज्य में पंजीकृत हैं। वर्ष 2024–25 में यूनिसेफ, CEAC और विभागीय सहयोग से रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, सरगुजा, रायगढ़, बस्तर और कोंडागांव जिलों में कार्यक्रम को और सुदृढ़ किया गया है, तथा आगामी वर्ष 2025–26 में इसे अन्य जिलों में विस्तार देने की तैयारी की जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि दो वर्ष तक संस्थागत देखरेख में रह चुके बच्चों को पोषक परिवार में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। “उमंग” कार्यक्रम पर आधारित शिक्षात्मक फिल्म “I Am Home” का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसे Curley Street Media Private Limited द्वारा निर्मित किया जा रहा है। इस फिल्म का उद्देश्य समाज में फोस्टर केयर के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है।
कार्यशाला में यूनिसेफ, CEAC, राज्य परियोजना प्रबंधक (SPM), जिला अधिकारी, स्वयंसेवी संगठनों, बाल संरक्षण विशेषज्ञों और पोषक परिवारों ने भाग लिया। इस अवसर पर बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, महिला एवं बाल विकास की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी,संचालक श्री पदुम सिंह एल्मा, यूनिसेफ की बाल संरक्षण विशेषज्ञ सुश्री चेतना देसाई, CEAC की निदेशक डॉ. वसुंधरा ,Curley Street Media Private Limited की प्रमुख सुश्री पवित्रा चलम, संयुक्त संचालक श्री नंदलाल चौधरी, उप संचालक श्रीमती नीलम देवांगन सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। विशेषज्ञों ने पोषण देखरेख कार्यक्रम की चुनौतियों, बेहतर क्रियान्वयन तथा भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम में पोषक परिवारों, स्वयंसेवी संगठनों, जिला अधिकारियों एवं बाल संरक्षण विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया। यह राज्य स्तरीय सम्मेलन गैर संस्थागत देखरेख प्रणाली को मजबूत करने और जरूरतमंद बच्चों के जीवन में नई आशा, सुरक्षा और अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।










