*रायपुर,दांतो की सफाई से नही होता कमजोर कई लोगो के बीच गलतफहमियां:. डॉ.एम.एस.नवाज दंत रोग विशेषज्ञ,रायपुर

रायपुर, सियासत दर्पण न्यूज़,मशीन द्वारा दांतो की सफाई से कई लोगो में भ्रांतियां रहती है की दांतो की सफाई कराने से दांत कमजोर हो जाएंगे,हिलने लगेंगे,पर ये यह सरासर गलत है लोगों को इन सब भ्रांतियां न पाले कोई भी दिक्कत होती है तो समय रहते डेंटिस्ट से दिखाना बहुत जरूरी है
दांतों की सफाई (अल्ट्रासोनिक स्केलिंग/ओरल प्रोफिलैक्सिस) बिना किसी दुष्प्रभाव के एक सरल, दर्द रहित, नियमित प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया 100% लाभकारी है और बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है।

आजकल दांतों की सफाई एक वाइब्रेटरी मशीन से की जाती है जिसे अल्ट्रासोनिक स्केलर कहते हैं। यह सिर्फ 25000 अल्ट्रासोनिक कंपन पैदा करता है जो दांतों की सतही परत से दाग, प्लाक, कैलकुलस और टार्टर को धीरे से हटाती है। इससे कोई नुकसान नहीं होता है क्योंकि इनेमल (दांत की सबसे बाहरी परत) बहुत मजबूत और अत्यधिक कैल्सीफाइड होती है, यहां तक ​​कि हड्डी से भी अधिक मजबूत होती है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए हर 6 महीने में दांतों की सफाई करना पूरी तरह से सुरक्षित है।
पेशेवर दांतों की सफाई की सिफारिश की जाती है क्योंकि कुछ क्षेत्र जैसे सबजिवल (मसूड़ों के नीचे), इंटरडेंटल (दो दांतों के बीच), लिंगुअल और तालु की सतह तक टूथब्रश की पहुंच नहीं होती है। अल्ट्रासोनिक दांतों की सफाई से दांतों में कोई संवेदनशीलता, हिलना या दूरी नहीं होती है। इसके अलावा, ज़्यादा ब्रश करने या ज़ोर से ब्रश करने,या दातुन जायदा देर तक करने से इनेमल और मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है।
दांतों को सफेद करने की प्रक्रियाएं (डेंटल ब्लीचिंग) निश्चित रूप से कुछ मामलों में दांतों की संवेदनशीलता, मसूड़ों में जलन और बाहरी दांतों के मलिनकिरण का कारण बन सकती हैं। दांतों को सफेद करने में रसायन शामिल होते हैं जो इसे हानिकारक बनाते हैं जबकि अल्ट्रासोनिक दांतों की सफाई में केवल कुछ कंपन और पानी शामिल होता है।
आप ब्रश से दाग, पथरी और टार्टर को नहीं हटा सकते। आप केवल प्लाक हटा सकते हैं जो हर 8-12 घंटे में जमा होता है। यही कारण है कि दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह दी जाती है। यदि दांतों की सफाई समय-समय पर नहीं की जाती है तो इसके परिणाम होंगे:
1. मसूड़े की सूजन: हल्की से मध्यम सूजन, सूजन, मसूड़ों से रक्तस्राव और मौखिक दुर्गंध (मुंह से दुर्गंध/सांसों की दुर्गंध)।
स्वस्थ मसूड़ों की तुलना में लाल सूजे हुए मसूड़े।
2. मसूड़ों का सिकुड़ना: मसूड़े दांतों से दूर जाने लगते हैं और सीमेंटम (जड़ की सतह) को उजागर करने लगते हैं, जिससे संवेदनशीलता और दांत ढीले हो जाते हैं।
इस मौसम में रखे इन बातो का ध्यान सेहत के लिए फायदेमंद साबित होंगे ।
हाइड्रेट रहें
गर्मी के दिनों में हाइड्रेट रहना शरीर और ओरल हेल्‍थ के लिए भी फायदेमंद है। खूब पानी पीने से मुंह को सूखने से बचाया जा सकता है और लार भी लगातार बनती रहती है। लार मुंह में एसिड को बेअसर करने के लिए महत्वपूर्ण है जो दांतों की सड़न पैदा कर सकता है। ऐसे में किसी भी कार्बोनेटेड शुगर ड्रिंक या अल्कोहल के बजाय,बिना चीनी वाली आइस्ड टी, छाछ या नारियल पानी का विकल्‍प चुनें। चीनी के साथ कार्बोनेटेड पानी आपके दांतों पर इनेमल को तेजी से तोड़ता है, जिससे दांतों में सड़न पैदा होती है।
होठों की केयर करें
तेज धूप का असर हमारे होंठों पर भी पड़ता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि होठों की त्‍वचा पतली होती हैं सूखे होंठों के कारण दांतों में चोट लगने के साथ खून भी बह सकता है। पानी का सेवन करने और अपने होठों को मॉइस्चराइज रखने से दांतों को शेप में बनाए रखने में मदद मिलेगी।
बर्फ चबाने से बचें
गर्मियों में बर्फ चबाना एक बुरी आदत है, जो आपकी ओरल हेल्‍थ को नुकसान पहुंचा सकती है। दरअसल, बर्फ काफी कठोर होती है, जो आपके इनेमल को तोड़ ती है। इससे कई बार लोगों को दांतों में कैविटी की समस्‍या से जूझना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Choose from the mostbet variety of baccarat, roulette, blackjack, poker along with other gambling tables. Bütün bu bonus mostbet casino və promosiyalardan faydalanmaq ötrü sadəcə sayta daxil olmaq və qeydiyyatdan ötmək lazımdır. Mobil tətbiqlərin gətirdiyi 1xbet üstünlüklərdən, siyahının başında başlanğıc probleminin yaşanmaması varidat. Müştəri ödənişləri TsUPIS pin-up ASC QIWI-bank vasitəsilə həyata keçirilir.