
नई दिल्ली,सियासत दर्पण न्यूज़,माननीय वित मंत्री जी द्वारा केंद्रीय बजट में अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए पुरानी पैंशन बहाली की घोषणा नहीं करने से परिवारों में घोर चिंता व्यापत। अलॉइंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि पैरामिलिट्री जवान देश की लम्बी सरहदों की चाक चौबंद सुरक्षा के अलावा राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने,
आतंकवाद, नक्सलवाद से जुझने, उत्तर पुर्वी राज्यों से लेकर जम्मू कश्मीर तक सर्वोच्च कर्तव्यों का निर्वहन करते शहीद हो रहे हैं। घर परिवार, बीवी बच्चों से सैंकड़ों हजारों किलोमीटर दूर पिछले 6 महिने से राज्यों के चुनावों व हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में जवानों द्वारा महत्वपूर्ण निष्पक्ष भूमिका निभाई गयी। सरहदों के वास्तविक चौकीदारों का बुढ़ापा बिना पुरानी पैंशन कैसे कटेगा। महासचिव रणबीर सिंह के अनुसार अभी हाल ही में प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात माननीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय जी से नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में हुई थी। माननीय मंत्री जी द्वारा पैरामिलिट्री परिवारों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु राज्यों में अर्धसैनिक कल्याण बोर्डों के गठन की मांग पर सहमति जताई थी लेकिन हताशा ही हाथ लगी। पैरामिलिट्री सर्विस पे पर चुप्पी साधना जिसके बारे में सांतवे पे कमीशन लागू होने से पहले गृह मंत्रालय द्वारा रजामंदी दी गई थी सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अलॉइंस महासचिव की और से माननीय वित मंत्री साहिबा को बजट पूर्व चिट्ठी लिख कर 18 महिने का बकाया डीए/डीआर जारी करने व सिनियर सिटीजन को रेलवे टिकट पर छूट देने की मांग की गई जोकि कोरोना महामारी के दौरान बंद कर दी गई थी लेकिन निराशा हाथ लगी। अलॉइंस द्वारा अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष के स्थापना की मांग लम्बे समय से कर रहे हैं जिसमें किसी अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की जरूरत नही है उसे भी पुरी तरह इग्नोर कर दिया गया। अब सड़क पर संघर्ष के अलावा कोई चारा नहीं बचा। पुरानी पैंशन बहाली व अन्य सुविधाओं को लेकर पैरामिलिट्री परिवारों भारी रोष व बैचेनी देखते हुए राजधानी दिल्ली में आने वाले सितम्बर माह में आल इंडिया पैरामिलिट्री सेमिनार का आयोजन किया जाएगा जिसमें भविष्य की नई रूप रेखा व रणनीति पर विचार किया जाएगा और अगले शांतिपूर्ण आंदोलन की तिथि निश्चित की जाएगी।