सियासत दर्पण न्यूज़ की रिपोर्ट
सियासत दर्पण न्यूज़,अजमेर राजस्थान स्थित सुप्रसिद्ध सूफी संत हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह गरीब नवाज़ का 813 वाँ उर्स मुबारक मनाया जा रहा है। अजमेर जिसे अजमेर शरीफ़ भी कहा जाता है ख्वाजा साहब पर सभी धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। जहां दूर दराज़ से लोग पूरी अकीदत के साथ हर साल उर्स के मौके पर अपनी मुरादें लेकर आते हैं। जायरीनों के लिए यहां हर तरह की व्यवस्था अजमेर शरीफ़ कमिटी और खुद्दाम हज़रात करते हैं। हर साल जहां जायरीनों के लिए खाने पीने का लंगर लगाया जाता था इस बार ऑल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ तथा ताजुलवारा कमेटी नागपुर ने एक अलग संदेश के साथ कलम का लंगर लगाया है।
कलम का लंगर का मकसद बच्चों और युवाओं में शिक्षा को बढ़ावा देना है। आओ शिक्षा की ओर आओ तरक्की की ओर ये कलम के लंगर की दावत है। साथ ही माता पिता से भी ये गुजारिश कर रहे हैं कि एक रोटी कम खाओ लेकिन अपने बच्चों को ज़रूर पढ़ाओ।
ऑल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन के रायपुर संभाग अध्यक्ष जनाब शाज़ी रशीद ने बताया कि हमारा मकसद युवाओं में शिक्षा को बढ़ावा देना है। कलम और किताब शिक्षा की मूलभूत जरूरत है, हम नहीं चाहते कि कोई बच्चा सिर्फ कलम या किताब के न होने से शिक्षा से दूर हो जाए। वहीं पढ़ने लिखने की अगर किसी बच्चे को ललक है तो हम उसको कलम देके उसका हौसला बढ़ाएंगे। हमारे ऑल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन के संरक्षक जनाब सैय्यद फैसल रिज़वी साहब तथा प्रदेश अध्यक्ष जनाब मोहम्मद सिराज साहब द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में ख्वाजा गरीब नवाज़ के उर्स मुबारक पर कलम का लंगर एक साथ लगने जा रहे हैं जिसकी शुरुआत हमने ख्वाजा साहब के दर से की है। जहां मेरे साथ रायपुर संभाग संरक्षक हाजी गुलाम रसूल दादा भाई भी यहां कलम के लंगर में प्रमुख रूप से मौजूद हैं।
ताजुलवरा कमिटी नागपुर के अध्यक्ष जनाब अनीस ने बताया शिक्षा समाज की जरूरत है आज समाज को बेहतर बनाने में शिक्षा ही वो वाहिद चीज़ है जिससे हम समाज को खूबसूरत बना सकते हैं और कलम ही वो हथियार है जिससे समाज में क्रांति लाई जा सकती है। हमारी अपील है सभी बच्चों से युवाओं से माता पिता से भले ही आप एक रोटी कम खाओ लेकिन अपने बच्चों को ज़रूर पढ़ाओ और हमारा ये संदेश हमारे मुस्लिम समुदाय से ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए भी है। ताजुलवरा कमेटी नागपुर से हमारे मुज़फ्फर भाई, इरफान भाई प्रमुख रूप से लंगर में लगे हुए हैं।