
संबलपुर :(सियासत दर्पण न्यूज़) रायपुर से सात साल पहले ओडिशा के बोलांगीर जिले में भेजे गए पार्सल के धमाके से नवविवाहित सौम्य शेखर साहू और उनकी दादी जेमामनी की मृत्यु हो गई थी, जबकि नवविवाहिता रीमा रानी साहू गंभीर रूप से घायल हुई थीं। इस मामले में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने अंग्रेजी लेक्चरर पुंजीलाल मेहर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर एक लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत के इस फैसले के बाद पुंजीलाल मीडियाकर्मियों पर भड़क गया और गाली-गलौज की।
पांच दिन पहले सौम्य और रीमा की शादी हुई थी. घर में अभी खुशियों का माहौल था. अचानक घर की घंटी बजी. एक पार्सल आया था. सबको लगा शादी का गिफ्ट होगा. सौम्य ने गिफ्ट खोला और धमाका हो गया. शादी के सिर्फ पांच दिन बाद रीमा विधवा हो गई थीं. घर का बेटा छिन गया. इस धमाके की चपेट में सौम्य की 85 साल की दादी भी आ गईं. उनकी भी मौत हो गई. रीमा भी धमाके में घायल हुईं, लेकिन जान बच गई. खुशियों का माहौल मातम में बदल गया.
भारत के इतिहास में यह पहला मामला था जब एक पार्सल बम ने दो लोगों की जान ले ली. ओडिशा के बोलांगीर की यह घटना साल 2018 की है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस जानलेवा हमले के दोषी मेहर पुंजीलाल को कोर्ट ने 7 साल बाद उम्र कैद की सजा सुनाई है. हालांकि, परिवार सजा-ए-मौत मांग रहा था.
क्यों भेजा पार्सल बम?
23 फरवरी 2018 को हुई घटना की प्रारंभिक जांच पुलिस ने की, फिर मामला ओडिशा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. 100 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद पुंजीलाल को गिरफ्तार किया गया. वो सौम्य की मां संजुक्ता का सहयोगी था और नाराज़ था क्योंकि संजुक्ता ने उसे कॉलेज प्रिंसिपल के पद से हटवा दिया था.
पुंजीलाल ने दिवाली से पहले ही पटाखों से गनपाउडर इकट्ठा करना शुरू कर दिया था. उसने इंटरनेट से बम बनाना सीखा और कई बम बनाकर टेस्ट किए. फिर बम को कार्डबोर्ड बॉक्स में रखकर गिफ्ट पैकिंग की और रायपुर जाकर एक ऐसे कूरियर ऑफिस से भेजा जहां CCTV नहीं था. भेजते समय फर्जी नाम एसके शर्मा लिखा और गलत पता दिया.