
नई, दिल्ली, सियासत दर्पण न्यूज़,ऐसा क्या गुनाह किया कि रणबीर सिंह का वॉट्स एप अकाउंट ही ब्लॉक कर दिया जिसके चलते हजारों पैरामिलिट्री परिवार से संपर्क स्थापित करना दूभर हो गया क्या यह मानव अधिकारों का उल्लंघन नहीं।
एलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया कि क्या शहीद परिवारों का सम्मान करना गुनाह है क्या बीएसएफ जवानों के लिए रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई गई खटारा, जर्जर गाड़ी का विरोध करना अपराध था क्या पैरामिलिट्री जवानों की पेंशन व अन्य सुविधाओं के लिए आवाज उठाना गुनाह है। माननीय गृह मंत्री जी व यशस्वी प्रधानमंत्री जी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ़ जवानों के शौर्य की भूरी भूरी प्रशंसा की गई जिसका हमने व पूरे देश ने स्वागत किया तो क्या इन्ही सुरक्षा बलों के भलाई वास्ते अर्ध सैनिक कल्याण बोर्डों की स्थापना करना अपराध हो गया। शांतिपूर्ण तरीके से सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता तक अपनी बात पहुंचाना कहां तक गलत है।
रणबीर सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अर्ध सैनिक बलों के जवानों व उनके परिवारों के लिए जंतर मंतर, राजघाट, संसद मार्ग व देश के अन्य हिस्सों में लगातार शांति पूर्ण धरने प्रदर्शन किए गए , केंद्रीय मंत्रीगणों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपे गए ताकि सरकार का इन भलाई संबंधित मुद्दों का समाधान कर सकें। सोशल मीडिया के माध्यम से जवानों को अनुशासन में रहने, अपने सीनियर ऑफिसर के द्वारा जारी आदेशों का पालन करने की हमेशा अपील की गई फिर ऐसा कौन सी गलती मुझे मिली कि मेरा वॉट्स एप अकाउंट बंद कर हजारों पैरामिलिट्री फोर्सेस जवानों व उनके परिवारों से संपर्क खत्म कर दिया। अगर अर्ध सैनिक बलों के जवानों व उनके परिवारों के लिए पेंशन बहाली व अन्य सुविधाओं के लिए आवाज उठाना अपराध है तो ये हम बार बार करेंगे उम्मीद कि वॉट्स एप ऑथोरिटी जल्दी ही मेरे ब्लॉक अकाउंट को फिर से चालू करेंगे। रणबीर सिंह ने ट्विटर व यूटूब चैनल पर जुड़ने की अपील की।