
रायपुर ।(सियासत दर्पण न्यूज़) छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में गोवा जैसा आश्रम चलाने वाले कथित बाबा का विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है। बाबा अपने आश्रम में विदेश से कई सामान मंगवाए हैं। आश्रम में पैकेट भी मिले हैं। इसके अलावा विदेशी लड़कियों के साथ वीडियो भी वायरल हो रहा है। पुलिस के मुताबिक पाखंडी बाबा तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू (45) 20 साल पहले डोंगरगढ़ में PCO चलाता था। इसके बाद गोवा चला गया। 2 साल पहले गोवा से डोंगरगढ़ लौटा, फिर प्रज्ञागिरी पहाड़ी में 6 करोड़ में जमीन खरीदकर फॉर्म हाउस बनवाया। हालांकि अभी उसका निर्माण चल ही रहा है।
दरअसल, पुलिस को फॉर्म हाउस में संदिग्ध गतिविधियां होने की लगातार शिकायत मिल रही थी। बुधवार यानी 26 जून को पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान फॉर्म हाउस के अंदर पुलिस ने सेक्स टॉयज, इंजेक्शन-वियाग्रा (उत्तेजना वाली की गोलियां) और गांजा बरामद हुआ।
डोंगरगढ़ में बीते डेढ़ साल से तरुण और उसके विदेशी दोस्तों का नेटवर्क बढ़ा है। तरुण अपनी गाड़ियों में कई बार अलग-अलग विदेशी युवतियों के साथ देखा गया है। पुलिस को तरुण की सोशल मीडिया आईडी में कई विदेशी नागरिकों के वीडियो मिले हैं। वीडियो में दिखने वाले लोगों का भी पता लगाया जा रहा है।
इसके साथ ही पुलिस की एफआईआर में आरोपी तरुण अग्रवाल पर गांजा बेचने और बच्चों को गांजा पिलाने का जिक्र है। पुलिस ने आरोपी के फॉर्म हाउस में दबिश देकर बरामद के पीछे रखे दीवान से गांजा बरामद किया है।
इसके साथ ही तरुण के एनजीओ, उसकी शिक्षा संबंधित दस्तावेज, बैंक अकाउंट और पासपोर्ट की जानकारी पुलिस से मांगी है।
पुलिस विदेशी फंडिंग के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा पुलिस को आरोपी के फॉर्म हाउस में कई बंद डिब्बे दिखे हैं। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने गोवा से सामान आने की बात स्वीकारी है। पुलिस सामान भेजने वाले व्यक्ति का भी पता लगा रही है। पुलिस इन्हीं जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।
स्थानीय लोगों के अनुसार आरोपी ने अपने फॉर्म हाउस की चौकीदारी के लिए 2 विदेशी नस्ल के कुत्ते भी पाले थे। ये कुत्ते 24 घंटे खुले रहते थे। जब भी कोई व्यक्ति फॉर्म हाउस जाता था, कुत्तों को एक जगह बांध दिया जाता था।
पूछताछ में आरोपी ने खुद को 100 देशों में घूम चुका अंतरराष्ट्रीय योगगुरु बताया। उसने 10 से अधिक एनजीओ का डायरेक्टर होने और विदेशी फंडिंग का दावा भी किया है। पुलिस अब इन एनजीओ, उसके पासपोर्ट, बैंक खातों और सोशल नेटवर्क की जांच कर रही है।
पुलिस हिरासत में आए तरुण अग्रवाल से 25 जून की रात को विवेचना अधिकारियों ने 2 घंटे तक पूछताछ की। इस पूछताछ में आरोपी केवल कहानी सुनाता रहा। गांजा उसके पास कहां से आया? किन–किन देशों के लोगों से उसका संपर्क है, उसके पास कितने एनजीओ हैं ? इन सभी सवालों का जवाब दिया।
पुलिस ने बताया कि बाबा ने लगभग सभी सवालों के जवाब तो दिए, लेकिन उसकी सत्यता के संबंध में दस्तावेज नहीं दे पाया। आरोपी का फोन पुलिस को अब तक नहीं मिला है। मोबाइल फोन का पता पुलिस लगा रही है।
आरोपी का परिवार डोंगरगढ़ का मूल निवासी है। शहर में सेठ परिवार के नाम से जाना जाता है। उनका आश्रम भी सेठ श्री बालकिशन प्रसाद अग्रवाल मेमोरियल फाउंडेशन के नाम से है। आरोपी ने डेढ़ साल पहले 6 करोड़ में इस आश्रम को खरीदा था। जो अब भी अंडर कंस्ट्रक्शन है।
उनके बड़े भाई ठेकेदारी करते है जो अग्रवाल समाज के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पिता का बहुत पहले देहांत हो चुका है। एक मंझले भाई की फॉर्चून की दुकान है। वर्तमान में आरोपी तरुण कथित गुरु के नाम से प्रचलित है।