रायपुर,, सियासत दर्पण न्यूज़,,जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी को आज छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने और मिनी माता के नाम की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया गया। सुबह जैसे ही अमित जोगी अपने निवास से निकल रहे थे, वैसे ही सिटी एसपी रमाकंत साहू और टीआई दीपक कुमार पासवान पहुंचकर उन्हें रोक दिया। उनके निवास पर ही उन्हें नजरबंद किया गया है।

जब जोगी ने यह पूछा कि उन्हें घर में क्यों रोका जा रहा है, पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे “सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और किसी भी व्यक्ति को काले कपड़े पहनने की अनुमति नहीं है। यह घटना उस अंतिम्ता की अवधि समाप्त होने के बाद हुई जो विधानसभा अध्यक्ष, राज्य सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय को नए विधानसभा भवन के लिए ‘मिनी माता भवन’ नाम सुनिश्चित करने के लिए दी गई थी।
जोगी ने बताया कि चूंकि हम किसी भी अप्रिय घटना से बचना चाहते थे इसलिए हमने आज घर पर प्रार्थना और उपवास करने का निर्णय लिया है। हम ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि वह सत्ता में बैठे लोगों को विपरीत आवाजों को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हें सुनने का साहस दें।
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने के उत्सव की भावना को ध्यान में रखते हुए अमित जोगी ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें रोकने के लिए भेजे गए लगभग 30 पुलिसकर्मियों को मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। यह कदम सरकार के कार्यों और विपक्ष की प्रतिक्रिया के बीच के अंतर को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि “यह कोई राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि एक नैतिक विरोध है। यह छत्तीसगढ़ की आत्मा के लिए एक संघर्ष है,” “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र में काले कपड़े पहनना भी अपराध बन गया है। हमारा विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक था।” बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान में प्रदत्त शांतिपूर्वक एकत्र होने और विरोध करने के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए यह अधिकार पवित्र है। हम सत्ता में बैठे लोगों से आह्वान करते हैं कि वे जनता की आवाज सुनें, उन्हें कुचलें नहीं।” यह घटना राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है और सरकार द्वारा असहमति के दमन की प्रवृत्ति को उजागर करती है। गिरफ्तारी की इस कार्रवाई ने आंदोलन की भावना को दबाया नहीं है, बल्कि लोगों में अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की रक्षा करने का संकल्प और मजबूत किया है।
अमित जोगी ने पोस्ट में लिखा…
”छत्तीसगढ़ की आन के लिए काले झंडे दिखाने पर मुझे और मेरे साथियों को गिरफ्तार किया गया।
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी,
छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर आपके “उत्सव” में शामिल होने का मेरा अधिकार इसलिए छीन लिया गया क्योंकि मैं काले कपड़े पहनकर मिनी माता के नाम की रक्षा के लिए शांति से विरोध करना चाहता था।
30 पुलिसकर्मी मुझे रोकने आए
काले कपड़े पहनना प्रतिबंधित” – यह था कारण
मैंने पुलिस को मिठाई खिलाकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संदेश दिया
क्या इतिहास को मिटाने का षड्यंत्र इतना बड़ा है कि लोकतंत्र की आवाज़ को घर में कैद करना पड़ रहा है?
जनता देख रही है – जो ताकत विरोध से डरती है, वह इतिहास नहीं बना पाती।”
मालूम हो कि 31 अक्टूबर को नए विधानसभा भवन के उद्घाटन का निमंत्रण अमित जोगी को भेजा गया था। निमंत्रण पत्र को लेकर उनका कहना था कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पुराने विधानसभा भवन का नाम मिनी माता के नाम पर रखा था, लेकिन नये विधानसभा भवन से मिनी माता के नाम को हटा दिया गया है। इसी के विरोध में उन्होंने 31 अक्टूबर को निमंत्रण पत्र को जलाकर विरोध किया था।





