रायपुर। (सियासत दर्पण न्यूज़) खैरागढ़ में प्रस्तावित चूना-पत्थर खदान परियोजना को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने जांच समिति बनाई है। 10 सदस्यीय जांच समिति ग्रामीणों से मिलकर मामले की जांच करेगी। हाल ही में प्रदर्शन के दौरान कुछ ग्रामीणों के घायल होने के बाद भी प्रशासन ने 11 दिसंबर जानकारी के मुताबिक, समिति 40 से अधिक गांवों में जाकर ग्रामीणों के विरोध, उनकी आपत्तियों और घटनाओं की जानकारी जुटाएगी। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के समर्थन में फर्जी हस्ताक्षर करवाए जाने की कोशिश की जा रही है। कई लोगों ने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई है।
जांच समिति इन आरोपों के साथ-साथ परियोजना से संभावित पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव जैसे जलस्तर पर असर, खेती, रोजगार और पशुपालन को लेकर भी ग्रामीणों की बात सुनेगी। पार्टी नेताओं का कहना है कि जनसुनवाई से पहले वास्तविक स्थिति का स्पष्ट आकलन जरूरी है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर विरोध काफी व्यापक है।
प्रदेश सचिव पवन चंद्रवंशी की अगुवाई में बनी जांच समिति में संजीत विश्वकर्मा, देवेंद्र सिंह भाटिया, भूपेश तिवारी, मनोज गुप्ता, राजेंद्र सोनी, चित्रा गुरुदेव, अजय सिंह ठाकुर, श्याम मूर्ति नायडू और कमलेश स्वर्णकार शामिल हैं।
यह टीम अगले कुछ दिनों में गांवों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें ग्रामीणों की मांग, विरोध और परियोजना से जुड़ी चिंताओं का संकलन होगा।
ग्रामीणों की सबसे बड़ी चिंता है कि खदान शुरू होने पर क्षेत्र में जलस्रोतों का स्तर गिर सकता है। खेती और बोरवेल रिचार्ज प्रभावित हो सकता है। पशुपालन और ग्रामीण आजीविका पर असर पड़ सकता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि खदान से होने वाले लाभ की तुलना में नुकसान ज्यादा होंगे, इसलिए वे परियोजना का विरोध कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब विरोध इतना व्यापक है, तो घायल ग्रामीणों का ध्यान रखने और वास्तविक स्थिति की जांच के बाद ही जनसुनवाई की तारीख तय की जानी चाहिए थी।






