*रूह अफजा विवाद मामले में,,दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की हरकतों पर नाराजगी जताई और अवमानना का नोटिस जारी करने की चेतावनी दी।*

रूह अफजा विवाद मामले में रामदेव को हाई कोर्ट की फटकार, 24 घंटे में आपत्तिजनक सामग्री हटाने के आदेश

दिल्ली,सियासत दर्पण न्यूज़,दिल्ली हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव को रूह अफजा विवाद में फटकार लगाते हुए 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया से आपत्तिजनक वीडियो हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने रामदेव की हरकतों पर नाराजगी जताई और अवमानना का नोटिस जारी करने की चेतावनी दी। रामदेव पर हमदर्द के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है।

24 घंटे के अंदर बाबा रामदेव को हमदर्द के खिलाफ सोशल मीडिया से आपत्तिजनक सामग्री हटाने के आदेश।

बाबा रामदेव किसी के वश में नहीं हैं, वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं: कोर्ट

योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा हमदर्द कंपनी के पेय रूह अफजा पर की गई विवादित टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई।
अदालत ने उनकी हरकतों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बाबा रामदेव किसी के वश में नहीं हैं, वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं। अदालत ने ये टिप्पणी हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया द्वारा बाबा रामदेव और उनके पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ दायर एक याचिका में की।
रामदेव को आपत्तिजनक वीडियो हटाने के दिए आदेश
अदालत ने बाबा रामदेव को 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से हमदर्द (रूह अफजा के निर्माता) को निशाना बनाने वाले एक आपत्तिजनक वीडियो को हटाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति अमित बंसल की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि बाबा रामदेव द्वारा जमा किया गया हलफनामा और हालिया वीडियो, दोनों ही प्रथम दृष्टया कोर्ट की अवमानना के दायरे में आते हैं।

अदालत ने स्पष्ट किया कि अब बाबा रामदेव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा। अदालत ने बाबा रामदेव को एक सप्ताह के अंदर अपने आदेश के अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई दो मई को तय की।
रामदेव पर पहले भी अवमानना का लग चुका है आरोप
बाबा रामदेव द्वारा जारी किए गए नए वीडियो को देखने के बाद, न्यायमूर्ति बंसल ने बाबा रामदेव के अधिवक्ता से कहा कि मुझे लगता है कि वह आपके नियंत्रण से बाहर है। एक अधिवक्ता ऐसे वीडियो को उचित नहीं ठहरा सकता। न्यायमूर्ति ने यह भी कहा कि रामदेव पर पहले भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से अवमानना का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा कि यह उनके हलफनामे की झूठी सच्चाई को दर्शाता है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और देश के कानून का सख्ती से पालन करते हैं।

कोर्ट द्वारा रामदेव के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दिए जाने के बाद, उनके अधिवक्ता ने आश्वासन दिया कि आपत्तिजनक सामग्री को 24 घंटे के अंदर यूट्यूब व अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म और किसी भी अन्य मीडिया से हटा दिया जाएगा।
रामदेव का नया वीडियो भी अपमानजनक
हमदर्द की ओर से पेश अधिवक्ता ने बृहस्पतिवार को अदालत को सूचित किया कि बाबा रामदेव ने फिर से आपत्तिजनक सामग्री वाला एक वीडियो प्रकाशित किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि रामदेव एक नया वीडियो लेकर आए हैं, जिससे पता चलता है कि उनके मन में इस अदालत सहित किसी के लिए कोई सम्मान नहीं है।
उन्होंने दलील दी कि एक दिन में ही इसे 8.9 लाख बार देखा गया, 8500 लोगों ने इसे पसंद किया और 2200 लोगों ने इस पर टिप्पणी की और वीडियो वायरल हो गया। उन्होंने तर्क दिया कि रामदेव के दोनों वीडियो का लहजा सांप्रदायिक था और वह उपभोक्ताओं से दूसरों के बजाय अपने उत्पादों को चुनने के लिए कहकर उनके बीच सांप्रदायिक विभाजन पैदा कर रहे थे। उन्होंने दलील दी कि न्याय की किसी भी भावना से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है।
रामदेव के वकील ने कहा- अवमानना का मामला नहीं
रामदेव और पतंजलि की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर और जयंत मेहता ने दलील दी कि वीडियो अरुचिकर और अधिक से अधिक मानहानि करने वाला हो सकता है, लेकिन यह किसी अन्य कंपनी के उत्पादों का अपमान नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि अवमानना का मामला नहीं बनता।
अदालत ने पहले उन्हें आदेश दिया था कि वे भविष्य में हमदर्द के उत्पादों से संबंधित कोई भी बयान जारी न करें या वीडियो साझा न करें।
रामदेव ने हमदर्द कंपनी के शरबत पर की विवादित टिप्पणी
योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी। हमदर्द के अधिवक्ता ने अदालत को बताया था कि पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए बाबा रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया है।
अधिवक्ता ने कहा था कि यह मामला अपमान से परे है और यह सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का मामला है। यह नफरत फैलाने वाला भाषण है। अधिवक्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव का कहना है कि यह शरबत जिहाद है।

साभार,जागरण

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