
ओंकारेश्वर, महेश्वर और महाकाल के दर्शन कर छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि और प्रगति की कामना की
रानी अहिल्याबाई होलकर राजबाड़ा और अहिल्या महल का किया भ्रमण
दृष्टिबाधित बच्चों के स्किल कार्यक्रम में शामिल होकर उनके आत्मविश्वास, हुनर और जिजीविषा की सराहना की
प्रवास के दूसरे दिन मंत्री श्रीमती राजवाड़े उज्जैन पहुँचीं। श्रीमती राजवाड़े महाकालेश्वर मंदिर में प्रातःकालीन भस्म आरती में शामिल हुई। इस दौरान उन्होंने शिव आराधना कर छत्तीसगढ़ की जनता के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। उज्जैन में श्री कालभैरव मंदिर के दर्शन कर उन्होंने छत्तीसगढ़ की सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना की।
धार्मिक स्थलों के दर्शन के बाद मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने इंदौर के ऐतिहासिक देवी अहिल्याबाई होल्कर महल (राजबाड़ा) का भ्रमण किया। यहां उन्होंने मराठा कालीन स्थापत्य कला, अहिल्याबाई की जीवन गाथा एवं प्रशासनिक कुशलता से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कीं। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई जैसी महिलाओं से प्रेरणा लेकर आज की महिलाएं भी समाज में नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने इस धरोहर को महिलाओं की सामाजिक-राजनीतिक सशक्तिकरण की ऐतिहासिक मिसाल बताया।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने इंदौर प्रवास के दौरान दृष्टिबाधित (दिव्यांग) बच्चों के लिए आयोजित रोजगार मूलक स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों के आत्मविश्वास, हुनर और जिजीविषा की सराहना की।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का उद्देश्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। मंत्री ने प्रशिक्षकों और सामाजिक संस्थाओं से आग्रह किया कि वे ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और अधिक व्यापक और समावेशी बनाएँ, जिससे दिव्यांग बच्चों को सम्मानजनक रोजगार के अवसर मिल सकें।
अपने दौरे के समापन पर मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा, “मध्यप्रदेश की भूमि न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है, बल्कि यहाँ की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक चेतना भी अत्यंत प्रेरणादायक है। इस प्रवास ने मुझे नई ऊर्जा दी है।