रायपुर। (सियासयत दर्पण न्यूज़) राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने रायपुर में सोमवार को कहा कि हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर का करणी सेना से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार हैं।
मकराना ने कहा कि हाल ही में कुछ जगहों पर वीरेंद्र सिंह तोमर द्वारा करणी सेना के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसको लेकर संगठन में कार्यकर्ताओं की बैठक भी की गई, जिसमें तय किया गया कि करणी सेना का नाम किसी भी प्रकार से निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि करणी सेना एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है। इसका किसी प्रकार की अवैध गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है।
वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर अवैध वसूली और सूदखोरी मामले में फरार चल रहे हैं। मकराना ने कहा कि उनकी संपत्ति कुर्क हो चुकी है। इसके बावजूद वे करणी सेना के नाम का इस्तेमाल करके गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
मकराना ने जनता से कहा कि ऐसे लोगों से सावधान रहें और संगठन की आधिकारिक घोषणा के अलावा किसी भी भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें। मकराना ने यह भी कहा कि करणी सेना अपने मूल उद्देश्यों पर अडिग है और समाज के हक और सम्मान की लड़ाई हमेशा जारी रखेगी।
मकराना ने कहा कि करणी सेना के नाम को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट करना जरूरी है कि 23 सितंबर 2006 को ‘श्री राजपूत करणी सेना’ का गठन किया गया था। लोकेंद्र सिंह कालवी ने इसकी स्थापना की थी। आज देश के 24 राज्यों में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
उन्होंने कहा, करणी सेना के नाम पर कुछ लोग फर्जी संस्थाएं चला रहे हैं। मकराना ने कहा, “तोमर बंधुओं का हमारी संस्था से कोई संबंध नहीं है, मैं उन्हें जानता भी नहीं हूं।”







