सियासत दर्पण न्यूज की खबर
अहले बैत ए केराम व सहाबा ए उज़्ज़ाम की मोहब्बत व के बग़ैर ईमान का तसव्वुर नहीं – जानशीने हुजूर सूफ़ी ए मिल्लत,हज़रत अबुल हसन सैय्यद मोहम्मद अशरफ अशरफी उल जिलानी किछौछवी
किछौछा शरीफ (यूपी),सियासत दर्पण न्यूज़,,इल्मी रूहानी मरकज़ किछौछा मुक़द्दसा में आले नबी फरजंद ए गौसे आज़म नवासा ए हुजुर मोहद्दीसे आज़म हिन्द हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह सैय्यद मोहम्मद जहांगीर अशरफ़ अशरफी अल जिलानी किछौछवी अलैहिर्रहमां का दो रोज़ा उर्स ए सरापा कुदस 14, 15 अगस्त 2025 बरोज़ जुमेरात जुमा मुनक़्क़िद किया गया। इस हसीन मौके पर मुख्तलिफ तक़ारीब का इनकाद किया गया। 14 अगस्त 2025 जुमेरात बाद नमाज़ असर परचम क़ुशाई और अशरफी तराना से उर्स का आगाज़ आले नबी फरजंद ए गौसे आज़म जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत हुज़ूर अशरफुल उलमा हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह अबुल हसन सैय्यद मोहम्मद अशरफ़ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला ने फरमाया। बाद नमाज़ मगरिब हल्का ए ज़िक़्र व बाद नमाज़ ईशा ऑल इंडिया नातीया व मुशायरा हुआ जिसमें हिंदुस्तान के मशहूर ओ मारूफ शोअरा अपने मखसूस कलाम से सामईन के क़ुलूब को मुनव्वर व मोजल्ला फरमाया।

दूसरे रोज़ 15 अगस्त जुमा बाद नमाज़ फ़जर कुरआन ख्वानी और नमाज़ जुमा से पहले मुफ्ती ए अहले सुन्नत हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ्ती मंज़र हसन अशरफी मिस्बाही साहब बानी आलमी सुन्नी सूफ़ी तहरीक अलहिंद का रूहपरवर बयान हुआ और जुमा का खुत्बा व नमाज़ की इमामत के फ़राएज़ शहजाद ए जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत हज़रत मौलाना सैय्यद मोइनुद्दीन अशरफ़ अशरफी अल जिलानी अल मारूफ चिश्ती मियां ने अंजाम दिया। दोपहर 3 बजे जुलूसे गौसिया चादर व संदल के साथ आस्ताना ए सरकार गौसुल आलम तारिकुस्सल्तनत महबूबे यज़दानी मखदूम सुल्तान सैय्यद अशरफ़ जहांगीर सिमनानी किछौछवी रदी अल्लाहू अनहो से मज़ार हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत पर आया जिसकी क़यादत फरजंदे अकबर हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह सैय्यद मोहम्मद दस्तगीर अशरफ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला अल मारूफ जमील मियां ने फरमाई ।
बाद नमाज़ असर आले नबी हुज़ूर ताजुल इस्लाम पीरे तरीकत रहबरे शरीअत जानशीने हुज़ूर क़ुतुबल मशायेख हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह सैय्यद मोहम्मद निजामुद्दीन अशरफ़ अशरफी अल जिलानी के दस्ते मुबारक से हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत के दरबार की तामीरे जदीद के लिए उलमा माशाएख की मौजूदगी में संगे बुनियाद रखी गई और चादर पोशी हुई बाद नमाज़ मगरिब शिजरा ख्वानी, कुल की फातेहा व मुल्कों मिल्लत के लिए खुसूसी दुआ जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत ने फरमाई।
हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत अलैहिर्रहमान आलिमे रब्बानी हज़रत अल्लामा मौलाना अलहाज अशशाह सैय्यद मोहिउद्दीन अशरफ अशरफी अल जिलानी अल मारूफ अच्छे मियां अलैहिर्रहमान के मुरीद ओ खलीफा हैं, सरकार अच्छे मियां हिन्द व बैरूनी हिन्द में इश्क़ो इरफान गौहर लुटाए हैं , आप दस साल तक मदीना शरीफ में मुकीम रहे और दरसे हदीस देते रहे।
हुजुर सूफी ए मिल्लत ने मदनी मियां अरेबिक कॉलेज और मोहद्दीसे आजम मिशन कायम फरमाया और इसके ज़रिए दिन ए मतीन की खूब खिदमत अंजाम दी, आपने हुजुर मोहद्दीसे आजम हिन्द का तर्जुमा कुरआन “म’आरफुल कुरआन” की पहली बार तबाअत करवाई, ग़रीब परवरी, मेहमान नवाज़ी हुजूर सूफ़ी ए मिल्लत का खासा रहा।
बाद नमाज़ ईशा अजीमुश्शान पैमाने पर सूफ़ी ए मिल्लत कांफ्रेंस का इन’एकाद किया गया जिसकी सरपरस्ती फरजंदे अकबर हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह सैय्यद मोहम्मद दस्तगीर अशरफ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला अल मारूफ जमील मियां ने फरमाई व सदारत जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत
पीरे तरीकत अशरफुल उलमा हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह अबुल हसन सैय्यद मोहम्मद अशरफ़ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला ने फरमाया और निगरानी फरजंद ए असगर हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत हुज़ूर अफज़लुल उलमा हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह सैय्यद अहमद अशरफ अशरफी अल जिलानी ने फरमाया। इस कांफ्रेंस में खुसूसी खिताब आलमी शोहरत याफ़्ता खतीब हज़रत अल्लामा मौलाना अलहाज सैय्यद मोहम्मद अमीनुल क़ादरी साहब क़िब्ला निगरान सुन्नी दावते इस्लामी मालेगांव ने फरमाया,

हज़रत अल्लामा मौलाना अलहाज सैय्यद वजिहुद्दीन क़ादरी बरकाती साहब क़िब्ला ने हालाते हाज़िरा पर बेहतरीन खिताब किया और फरमाया हमारी बदहाली दीन ओ सुन्नियत से दूरी की वजह से है अगर हम और आप कामयाबी चाहते हैं तो सिराते मुस्तकिम पर चलना होगा, बुजुर्गाने दीन के नक्शे क़दम पर चलना होगा इसके बग़ैर कामयाबी का तसव्वुर नहीं किया जा सकता, आपने जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत की दीनी, इल्मी, अदबी ख़िदमात को सराहा और आपके अखलाक और किरदार को दूसरों के लिए लायक़ ए तकलीद फरमाया। मुफ्ती ए अहले सुन्नत हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ्ती मोहम्मद मंज़र हसन अशरफी मिस्बाही साहब चेयरमैन हज़रत अली एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट ने अपने खिताब में फरमाया के सरकार गौसुल आलम तारिकुस्सल्तनत महबूबे यज़दानी मखदूम सुल्तान सैय्यद अशरफ़ जहांगीर सिमनानी किछौछवी रदी अल्लाहू अनहो एक बाबा का नाम नहीं बल्कि आप गौसुल आलम, तारिकुस्सल्तनत, महबूबे यज़दानी, मुफस्सिर, मुतरजिम ए कुरआन है, आप उर्दू जुबान के पहले मुसन्निफ़ हैं, आप जिस मुल्क में तशरीफ ले जाते वहां की जुबान में तर्जुमा कुरआन और अहकामे शरईआ तहरीर फरमा कर वहां रहने वाले लोगों को अता फरमा देते। जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत ने बच्चे और बच्चियों की तालीम ओ तरबियत के लिए मदारीस, स्कूल और कॉलेज तक बनाया, आपने स्टडी सेटर क़ायम किए हिंदुस्तान से बाहर बरतानिया, मॉरिशस में भी अजीमुश्शान इदारे बनवाए। आपके काम का दायरा बहुत वसीअ है अल्लाह पाक आपका साया दराज़ फरमाए। महबूब इस्लामिक स्कॉलर अल्लामा मौलाना सैय्यद अमीनुल क़ादरी साहब क़िब्ला ने अपने बयान में सरकार मखदूम पाक की सीरत व सवानेह और अक़ायद अहले सुन्नत पर हासिले कलाम खिताब करते हुए फरमाया के आपके फैज़ याफ़्ता में मखदुमूल आफाक हज़रत सैय्यद अब्दुल रज्जाक नूरुल ऐन जानशीने हुज़ूर मखदूम सुल्तान सैय्यद अशरफ़ जहांगीर सिमनानी, मुफस्सिरे बहरुल मवाज हज़रत अल्लामा क़ाज़ी शहाबुद्दीन दौलताबादी, हज़रत अल्लामा सफ़ीउद्दीन रुदौलवी, हज़रत आरिफ़ ए बिल्लाह निजामुद्दीन यमनी मुरत्तीब लताएफ अशरफी जैसे अज़ीम और नायाब शख्सियात हैं। मखदूम पाक ने बिलतरतीब अक़ायद अहले सुन्नत बयान फरमाया, आपके मलफ़ुज़ात का मजमुआ लताएफ अशरफी इल्मो इरफ़ान का खजाना है, आप ज़ाहिरी व बातिनी उलूम के ताजदार है

इस हसीन मौके पर जानशीने हुज़ूर सूफ़ी ए मिल्लत ने इरशाद फरमाया के इस पुरफितन दौर में अपने और अपनी नस्लों के ईमान ओ अक़ायद की हिफाज़त बहुत जरूरी है, खुदारा कभी भी अहले बैत ए अतहार अलैहिमुस्सलाम और सहाबा ए केराम की शान में ज़र्रा बराबर भी नाज़ेबा कलेमात अदा नहीं करें, अहले बैत ए अतहार अलैहिमुस्सलाम और सहाबा ए केराम की ताज़ीम व तौक़ीर और उनकी मोहब्बत के बगैर ईमान का तसव्वुर नहीं हो सकता, बड़ों की बेअदबी ईमान के लिए ज़हर है ओलमा और अईम्मा का मुकम्मल खयाल रखें, अपनी जरूरतों और शौक को कम करके अपनी नस्लों को तालीम ओ तरबियत से आरास्ता करें، इत्तेहाद, इत्तेफाक के साथ रहें इसी में दारैन की भलाई है।
इस मुकद्दस उर्स में नबीरा ए हुजुर क़ुतुबुल मशाएख, नवासा ए हुजुर सूफी ए मिल्लत हज़रत अल्लामा अलहाज अशशाह सैय्यद मोहम्मद आरफ अशरफ़ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला, नवासा ए हुजुर सूफी ए मिल्लत हज़रत सैय्यद शाह मोहम्मद हैदर अशरफ़ अशरफी अल जिलानी अल मारूफ शादाब मियां साहब क़िब्ला, नबीरा ए हुजुर सूफी ए मिल्लत, फ़खरुल क़ुर्रा हज़रत अल्लामा मौलाना अशशाह सैय्यद मोहम्मद अब्दुल क़ादिर अशरफ़ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला, नबीरा ए हुजुर सूफी ए मिल्लत, हज़रत अल्लामा मौलाना अशशाह सैय्यद नूरुल ऐन अशरफ़ अशरफी अल जिलानी साहब क़िब्ला, उस्तादुल उलमा हज़रत अल्लामा मौलाना अलहाज मुफ्ती मोहम्मद क़मर आलम अशरफी मिस्बाही साहब क़िब्ला शैखुल हदीस जामे अशरफ़ किछौछा मुक़द्दसा, हज़रत क़ारी शकील अशरफी साहब, हज़रत क़ारी लईक अशरफी साहब, शायरे इस्लाम जनाब शकील आरफी साहब, तूती ए बागे मखदूम ए सिमनॉ परवेज़ आलम अशरफी किछौछवी, खलीफाए हुज़ूर शैखुल इस्लाम हज़रत सूफ़ी इस्माइल चिश्ती साहब मुंबई, इस हसीन महफ़िल के निज़ामत के फ़राएज़ बहुस्ने खूबी नक़ीबे सदाबहार जनाब हाफिज कफील अंबर खान अशरफी साहब ने अदा किए। इनके अलावा कसीर तादाद में ओलमा ओ मशायख के साथ आवामे अहले सुन्नत व अरबाबे सियासत और अहबाबे सफ़ाहत ने शिरकत की । आखिर में सलाम व दुआ के साथ इस साल के उर्स ए सूफ़ी ए मिल्लत का हसीन इख्तेताम हुआ,उर्स ए सूफी मिल्लत में गुजरात,पश्चिम बंगाल,कर्नाटक,यूपी के अनेको शहर,कस्बो,व छत्तीसगढ़ प्रदेश के अलावा,मुकामी लोगो ने कसीर तादाद में शिरकत कर हुज़ूर सूफी ऐ मिल्लत के फैज से फैजयाब हुए,शिरकत ओ इंसराम बहुत ही अजीमुश्शान था।








