रायपुर के टिकरापारा इलाके में एक समय मे अंडे का ठेला लगाया करते थे।
रायपुर,, सियासत दर्पण न्यूज़,,रायपुर के कुख्यात सूदखोर और ब्लैकमेलिंग गिरोह से जुड़े आरोपी वीरेंद्र सिंह तोमर को आखिरकार ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया गया है. उसका भाई रोहित तोमर अब भी फरार है. दोनों जून से पुलिस की पकड़ से बाहर थे. रायपुर पुलिस ने दोनों पर इनाम घोषित किया था और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. तोमर बंधु पर सूदखोरी, जबरन वसूली, मारपीट और आर्म्स एक्ट सहित करीब 16 मामले दर्ज हैं.
छत्तीसगढ़ के रायपुर में चर्चित सूदखोर और ब्लेकमेलर वीरेंद्र से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। पुलिस ने वीरेंद्र तोमर को मध्यप्रदेश से दबोचा है। आरोपी पर सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग समेंत कई गंभीर अपराध दर्ज है। रायपुर के कई थानों में अपराध दर्ज होते ही आरोपी फरार हो गया था। जून 2025 से आरोप ठिकाने बदल बदलकर छुप रहा था। इसी बीच रायपुर पुलिस को सूचना मिली कि वीरेंद्र तोमर ग्वालियर में छुपा हुआ है।
पुलिस को आरोपी के बारे में हिंट मिलते ही पुलिस की टीम ने ग्वालियर में छापामार कार्रवाई कर उसे धर दबोचा है। पुलिस आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर ला रही है। जल्द ही उसे रायपुर के कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, पुलिस के आते ही वीरेंद्र तोमर का छोटा भाई रोहित तोमर फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
पढ़िए क्या है मामला
दरअसल, रायपुर पुलिस की टीम द्वारा फरार आरोपी तोमर बंधुओं की लगातार तलाशी कर रही है। साथ ही उनके अन्य सहयोगियों के संबंध में भी जानकारी जुटाकर उन पर भी लगातार शिकंजा कस रही है। इसी तरह 15 जून को एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट की टीम को तोमर बंधुओं के सहयोगी बंटी सहारे एवं जितेंद्र देवांगन उर्फ़ मोनू के बारे में जानकारी मिली। दोनों आरोपी ब्याज के काम की देख-रेख करते थे। पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा बंटी सहारे एवं जितेंद्र देवांगन उर्फ़ मोनू की तलाश करते हुये दोनों को पकड़ा गया।
पूछताछ में बंटी सहारे ने बताया कि पिछले दो वर्षों से रोहित तोमर, वीरेन्द्र तोमर एवं दिव्यांश के कहने पर उनके लिये ब्याज वसूली मैनेजर का काम करता था। मोबाईल में विस्टों फाइनेंस के नाम से ग्रुप बनाया गया है, जिसमें ब्याज की वसूली होती थी और पूरा लेखा जोखा इसी के द्वारा संचालित किया जाता था। जो व्यक्ति ब्याज नहीं देता था उसको तोमर बंधुओं द्वारा धमकी दी जाती थी।
आरोपी बंटी सहारे एवं जितेंद्र देवांगन उर्फ़ मोनू को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1 नग मोबाइल फोन जब्त किया गया। आरोपियों के विरूद्ध थाना पुरानी बस्ती में दर्ज अपराध क्रमांक 230/25 धारा 308(2), 111(1) भा०न्या०स०, छत्तीसगढ़ ऋणीयों का संरक्षण अधिनियम में कार्रवाई की गई।
रायपुर,एसएसपी लाल उमेद ने शिकायत को गंभीरता से लिया
दरअसल, जयदीप, मनीष, नासिर ने पुरानी बस्ती थाने में रोहित तोमर,वीरेन्द्र तोमर व उसके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ितों ने शिकायत में बताया था कि तोमर भाइयों के द्वारा पैसे उधार देकर उनसे कोरे कागज, चेक और स्टाम्प में हस्ताक्षर करवा लिया गया था और उनसे ब्याज के नाम पर अधिक पैसे वसूले थे। साथ ही डरा धमका कर उनकी जमीन को अपने नाम से रजिस्ट्रेशन करवा लिए थे।
इस शिकायत के बाद पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने धारा 308, 111, छत्तीसगढ़ ऋणीयों का संरक्षण अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया गया। एसएसपी लाल उमेद ने शिकायत को गंभीरता से लिया और कोर्ट से सर्च वारंट लेकर मंगलवार की रात तोमर भाइयों के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में पुलिस को बेहिसाब अवैध संपत्ति जब्त की। साथ ही पुरानी बस्ती थाना के प्रकरण में आरोपी दिव्यांश तोमर 25 साल को सांई विला भाठागांव से गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में अन्य आरोपी फरार है, जिनकी तलाशी की जा रही है। पुलिस ने वीरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ अलग से आर्म्स एक्ट के तहत अपराध भी दर्ज किया गया है।
अंडा ठेला लगाने वाला कैसे बना करोडपति
तोमर भाई एक समय में टिकरापारा इलाके में अंडे का ठेला लगाया करते थे। उस समय तोमर का परिवार किराए के घर में रहता था। धीरे-धीरे दोनों भाई ने सूदखोरी का काम शुरू किया और फिर इस काम में ये लोग इतने आगे निकले कि करोड़ों की संपति बना ली। दोनों भाई के नाम पर आज करोड़ो की संपति है। इतना ही नहीं कभी किराए के मकान में रहने वाले तोमर ब्रदर्स के पास भांटागांव में 5 हजार वर्गफीट में बना एक आलीशान बंगला,लग्जरी गाड़ियां भी है। दोनों भाइयों के खिलाफ चाकूबाजी, फायरिंग, सूदखोरी समेत कई अपराध दर्ज है।






