रायपुर में विधायक मूणत के पोस्टर पर कालिख पोतने का मामला बढ़ता जा रहा है। NIT चौपाटी की शिफ्टिंग के विरोध में युवा कांग्रेसियों ने विधायक राजेश मूणत के पोस्टर में कालिख लगा दी थी जिसके बाद पुलिस ने जिलाध्यक्ष समेत कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज किया था।
28 नवंबर को सरस्वती नगर थाने का घेराव करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने चौपाटी विवाद की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की। वहीं, 7 दिनों के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की चेतावनी दी।
दरअसल मामला 26 नवंबर का है, जब बीजेपी ने नालंदा परिसर की घोषणा का होर्डिंग लगाया था। जिसमें मूणत की भी फोटो लगाई गई थी। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एनआईटी चौपाटी हटाए जाने का विरोध करते हुए मूणत की फोटो पर कालिख पोती थी।
रायपुर के एनआईटी चौपाटी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दुकानें भले ही आमानाका में शिफ्ट कर दी गई हैं, लेकिन विपक्ष इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। कुछ दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने डिप्टी सीएम अरुण साव से मुलाकात की।
इस दौरान 7 दिनों के भीतर जांच कमेटी गठित करने की मांग की गई। कांग्रेस का आरोप है कि अधिकारियों ने पहले इस चौपाटी को अनुमति दी और अब वही अधिकारी इसे अवैध बताकर तोड़ रहे हैं।
कांग्रेस की प्रमुख मांगें:
चौपाटी विवाद की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति बने।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
राजनीतिक दबाव में निर्णय लेने वाले जनप्रतिनिधियों की भूमिका की जांच हो।
भविष्य की कार्रवाई के लिए स्पष्ट नीति प्रकाशित की जाए।
नालंदा-2 के निर्माण की योजना
रायपुर में 10 करोड़ रुपए खर्च करके चौपाटी का विकास किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इसे हटाने और नालंदा-2 बनाने की योजना पर काम तेजी से शुरू हुआ।
नवंबर 2025 में नगरीय प्रशासन ने नालंदा-2 के लिए टेंडर पूरा कर लिया और 15 नवंबर से चौपाटी शिफ्टिंग की तारीख तय कर दी। हालांकि, इससे पहले ही रेलवे ने 32 दुकानदारों को नोटिस भेजकर जमीन पर अपना दावा जताया।
इस विवाद को लेकर नगर निगम और रेलवे के बीच बातचीत जारी है, ताकि जल्द इस मामले का समाधान निकाला जा सके।






