
इंदौर।(सियासत दर्पण न्यूज़) भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट के आखिरी दिन एक दिलचस्प घटना देखने को मिली। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स मैच को ड्रॉ कराने के लिए खेल को रोकना चाहते थे, लेकिन भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर इससे सहमत नहीं हुए। इस फैसले पर टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने दोनों खिलाड़ियों का समर्थन किया।
भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट का समापन हो गया है। पहली पारी के दौरान ऋषभ पंत बुरी तरह चोटिल हो गए और अब वो 5वें मुकाबले में नहीं खेलेंगे। कई सारे फैंस और दिग्गजों का मानना था कि चोटिल होने पर खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट उपलब्ध होना चाहिए। भारतीय कोच गौतम गंभीर का भी कुछ ऐसा ही सोचना था। हालांकि, बेन स्टोक्स इंजरी रिप्लेसमेंट के पूरी तरह खिलाफ हैं। इसने सोशल मीडिया पर एक नया विवाद शुरू कर दिया है।
इंजरी रिप्लेसमेंट पर गौतम गंभीर ने क्या कहा?
गौतम गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं तैयार हूं। अगर अंपायर और मैच रेफरी को लगता है कि चोट गहरी है, तो फैसला ले सकते हैं। मुझे लगता है कि यह नियम होना जरुरी है, जहां अगर चोट साफ तौर पर दिखाई दे रही है, तो फिर आपको सब्स्टीट्यूट मिले। ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है और ऐसी सीरीज में, जहां मैच बेहद करीब जा रहा है। आप सोचिए कि अगर हम 10 लोगों के साथ 11 के खिलाफ खेलते हैं, तो यह कितना बुरा होगा।’
बेन स्टोक्स ने इंजरी रिप्लेसमेंट के विषय को बताया वाहियात
बेन स्टोक्स ने मैनचेस्टर टेस्ट के बाद इंजरी रिप्लेसमेंट को लेकर हो रही बातचीत पर अपनी राय दी। उनके अनुसार टीमें इसका गलत फायदा उठाएगी और फ्रेश खिलाड़ियों को मैदान पर बीच मैच में आ सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इंजरी रिप्लेसमेंट के बारे में बात होना वाहियात चीज है। मुझे लगता है कि इसमें काफी कमाईं होंगी। आप मैच के लिए अपनी 11 चुनते हैं और चोट गेम का हिस्सा है। मुझे कंकशन रिप्लेसमेंट समझ में आता है, क्योंकि यह खिलाड़ी की भलाई और सुरक्षा के लिए है।’
बेन स्टोक्स ने आगे कहा, मुझे लगता है कि इंजरी रिप्लेसमेंट को लेकर चर्चा रुक जानी चाहिए, क्योंकि अगर आप मुझे एक MRI स्कैनर दे देंगे, तो मैं किसी और को सीधा ला सकता हूं। यह दिखाया जा सकता है कि आपका घुटना सूज गया है और हम अब एक फ्रेश गेंदबाज ला सकते हैं। इस विषय पर चर्चा बंद हो जानी चाहिए।’