
रायपुर।(सियासत दर्पण न्यूज़) छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में नया खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने विशेष अदालत में जो 1,500 पन्नों का दूसरा पूरक आरोप पत्र पेश किया है, उसमें बताया गया है कि कोल लेवी से जुड़ा लेन-देन कांग्रेस ‘भवन’ में किया जाता था।
मुख्य बातें
EOW ने बुधवार को 1,500 पन्नों का पूरक चालान अदालत में पेश किया।
कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के निजी सहायक देवेंद्र डडसेना और रायगढ़ कोल सिंडिकेट सदस्य नवनीत तिवारी पर गंभीर आरोप।
देवेंद्र डडसेना ‘कांग्रेस भवन’ में अवैध धनराशि का संचालन करता था।
रामगोपाल अग्रवाल अब भी फरार, जबकि डडसेना और नवनीत जेल में बंद हैं।
जांच में सामने आया खुलासा
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, देवेंद्र डडसेना अवैध कोल लेवी से प्राप्त धनराशि का मुख्य रिसीवर और वितरक था। वह कांग्रेस भवन में ‘भवन’ नामक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन करता था।
उसकी जिम्मेदारी अवैध रकम की रिसीविंग, कस्टडी और ट्रांसफर की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह पूरे घोटाले की वित्तीय कड़ी रहा है।
नवनीत तिवारी की भूमिका
रायगढ़ में सक्रिय नवनीत तिवारी को कोल वसूली सिंडिकेट का सदस्य बताया गया है। वह व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से करोड़ों रुपये की वसूली करता था।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सामने आए इस कोल लेवी घोटाले की राशि लगभग 570 करोड़ रुपये बताई गई थी।
EOW ने जुलाई 2024 में इस मामले में 15 आरोपितों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया था, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया और निलंबित IAS रानू साहू भी शामिल थीं।