
बिलासपुर: (सियासत दर्पण न्यूज़) छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रायपुर के डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में एचआईवी पॉजिटिव महिला मरीज की पहचान सार्वजनिक करने की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा (मुख्य न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा है। अदालत ने कहा कि यह कृत्य न केवल अमानवीय है बल्कि नैतिकता और निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है।
क्या है मामला
हाई कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई तब की जब 10 अक्टूबर को प्रकाशित खबर में बताया गया कि रायपुर के डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में नवजात शिशु के पास एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें यह लिखा था कि बच्चे की मां एचआईवी पाजिटिव है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पोस्टर गाइनो वार्ड में भर्ती मां और नर्सरी वार्ड में रखे नवजात बच्चे के बीच लगाया गया था। जब बच्चे का पिता अपने शिशु को देखने पहुंचा तो उसने यह पोस्टर देखा और भावुक होकर रो पड़ा।